Kolkata Doctor Murder: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 2 आरोपियों को बेल, पीड़िता के पिता बोले- शायद कभी न मिले इंसाफ

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कोलकाता रेप-मर्डर केस में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप है।
Kolkata Doctor Murder: आरजी कर हॉस्पिटल में नाइट ड्यूटी पर तैनात ट्रेनी डॉक्टर के साथ अगस्त महीने में बर्बरता हुई थी। सीबीआई 90 दिन के भीतर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही। 

Kolkata Doctor Murder: कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में शुक्रवार को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 2 आरोपियों को जमानत मिल गई। सियालदह कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से 90 दिन की समय सीमा में चार्जशीट दायर नहीं कर पाने को आधार बनाते हुए संदीष घोष और तालतला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को बेल दी है। जिसके बाद पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने गहरी निराशा जताई है। हालांकि, संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच जारी है। इसलिए अभी पूर्व प्रिंसिपल की रिहाई नहीं होगी।

CBI की लापरवाही से डॉक्टर के पेरेंट्स दुखी

  • ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के जघन्य मामले में सीबीआई 90 दिनों की डेडलाइन में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी। पीड़िता की मां ने कहा, "हमने सोचा था कि सीबीआई इस मामले की तेज़ी से जांच करेगी और दोषियों को सज़ा दिलाएगी। लेकिन अब जब आरोपियों को जमानत मिल गई है, ऐसा लगता है जैसे सिस्टम हमें विफल कर रहा है।"
  • डॉक्टर के पिता ने कहा कि हमारा दिल टूट गया है। हमने सीबीआई पर भरोसा किया था कि वे हमारी बेटी के लिए न्याय सुनिश्चित करेंगे, लेकिन अब हमें लग रहा है कि शायद हमें कभी न्याय नहीं मिलेगा। हर दिन लगता है कि क्या यह एक और मामला होगा, जिसमें शक्तिशाली लोग बिना सज़ा के बच जाएंगे।

अगस्त में हुआ था डॉक्टर का रेप-मर्डर
बता दें कि आरजी कर हॉस्पिटल में नाइट ड्यूटी पर तैनात ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता हुई थी। यहां सेमिनार हॉल में दुष्कर्म के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस और कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठे थे। देशभर में विरोध प्रदर्शनों के बीच हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई ने 9 अगस्त को केस अपने हाथों में लिया और मामले की जांच शुरू की।

संदीप घोष समेत अन्य पर क्या हैं आरोप?
आरोप है कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और पीड़िता के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराया। पुलिस अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करने में जानबूझकर देरी करने का भी आरोप लगा है। पीड़िता के परिवार ने बेटी का शव मिलने के बाद दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की थी, जिसे अनदेखा कर दिया गया।

इंसाफ के लिए देशभर में प्रदर्शनों का दौर
आरजी कर की ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता से पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश को में आक्रोश की लहर चल पड़ी थी। राज्य में कई विरोध प्रदर्शन हुए, कोलकाता में डॉक्टरों ने कई दिनों तक सुरक्षा और इंसाफ की मांग करते हुए हड़ताल की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। अब आरोपियों को जमानत मिलने के बाद, इस मामले में न्याय मिलने की उम्मीदें धूमिल होती नज़र आ रही हैं। परिवार का कहना है कि वे अपनी बेटी के लिए इंसाफ की लड़ाई जारी रखेंगे।

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