Deportation Row: 586 और भारतीयों को डिपोर्ट करने की तैयारी में अमेरिका, भेजी नई लिस्ट; जानें विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

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Indian Deportation Row: अमेरिका एक बार फिर से 586 भारतीयों को डिपोर्ट करने की तैयारी में हैं।
Indian Deportation Row: अमेरिका एक बार फिर से 586 भारतीयों को डिपोर्ट करने की तैयारी में हैं। अमेरिका ने इसकी नई लिस्ट भारत को सौंप दी है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने क्या कहा जानें।

Indian Deportation Row: अमेरिका एक बार फिर से 586 भारतीयों को डिपोर्ट करने की तैयारी में हैं। इससे पहले अमेरिका ने अपने मिलिट्री प्लेन में बिठाकर 104 भारतीयों को बुधवार(5 फरवरी) को भारत भेजा था। इन सभी को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़ कर भेजा गया था। इसको लेकर संसद में भी हंगामा हुआ। अब भारत सरकार ने अमेरिका के सामने अपनी चिंता जाहिर की है। इसी बीच विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि अमेरिका 487 और भारतीयों को डिपोर्ट करने की तैयारी में है। इसके अलावा 99 भारतीय पहले से ही डिर्पोटेशन लिस्ट में थे। ऐसे में अमेरिका कुल मिलाकर 586 और भारतीयों डिपोर्ट करने की तैयारी में है।

भारतीय अधिकारियों ने जताई चिंता
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में इस मामले पर विस्तार से जानकारी दी। मिसरी ने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में भारत को 487 भारतीय नागरिकों की लिस्ट दी थी, जिन्हें डिपोर्ट किया जाना है। भारत सरकार ने इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखी है। भारत इस मुद्दे को लेकर अमेरिका से लगातार संपर्क में है। विदेश सचिव ने बताया कि भारत ने अमेरिकी अफसरों से भारतीयों को इस तरह की बेड़ियों में जकड़ने की प्रक्रिया को टालने की अपील की है।

अमेरिका ने 487 भारतीयों का किया वेरिफिकेशन
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि अमेरिका ने 487 भारतीयों को डिपोर्ट करने का अंतिम आदेश जारी किया है। इसके अलावा 298 और भारतीयों की एक लिस्ट भारत को सौंपी गई है। अभी इस लिस्ट में शामिल लोगों की नागरिकता की पुष्टि की जानी बाकी है। जब विक्रम मिसरी से पूछा गया कि क्या भारत सरकार ने डिपोर्ट हुए लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार का मुद्दा उठाया है, तो उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर लगातार अमेरिका से बातचीत कर रही है। भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।

हथकड़ियों में क्यों भेजे जा रहे हैं भारतीय?
जब मिसरी से पूछा गया कि भारतीयों को हथकड़ियों में क्यों भेजा जा रहा है तो विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका में यह डिर्पोटेशन एक ‘राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान’ के तहत किया गया था। इसी कारण मिलिट्री प्लेन्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। अमेरिकी सेना ने बताया है कि ऐसे मामलों में डिपोर्ट किए जाने वाले नागरिकों को कैसे रखा जाना है और उनकी वापसी कैसी होगी इसके नियम पहले से तय हैं। इससे पहले ब्राजील और होंडारुस जैसे देशाें में डिपोर्ट किए गए अवैध प्रवासियों को भी इसी तरह भेजा गया था।

महिला प्रवासियों को भी जंजीरों में जकड़ा गया
डिपोर्टेशन फ्लाइट में कुछ महिलाओं को भी बेड़ियों में जकड़ने की खबरें सामने आईं, जिससे भारत में नाराजगी बढ़ गई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बताया कि अमेरिका की इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) एजेंसी का दावा है कि उनकी मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) के तहत महिलाओं और बच्चों को जंजीरों में नहीं बांधा जाता है। हालांकि, कुछ डिपोर्टियों और मीडिया रिपोर्ट्स ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं।

सैन्य विमान का क्यों हुआ इस्तेमाल?
पिछली बार अमेरिका ने कब सैन्य विमान का उपयोग कर भारतीयों को डिपोर्ट किया था, इस पर विदेश सचिव ने कहा कि इसकी पुष्टि की जानी बाकी है। मिसरी ने यह भी कहा कि अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (SOP) 2012 से लागू है। यह पहला मौका नहीं है जब डिपोर्ट किए गए लोगों के साथ इस तरह का बर्तावच किया गया हो।

विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरा
लोकसभा में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए तीखी आलोचना की। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा। संसद में जोरदार हंगामा हुआ और विपक्ष ने सरकार पर प्रवासी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा न करने का आरोप लगाया। विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने संसद भवन परिसर में हथकड़ियां पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के अच्छे दोस्त हैं, तो भारतीयों के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया गया।

और कितने लोग होंगे डिपोर्ट?
अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या अधिक है। अमेरिका से लौटने वालों की अलग-अलग श्रेणियां होती हैं, जिनमें से कुछ लोग वापस आने के लिए आवेदन करते हैं जबकि कुछ को जबरन वापस भेजा जाता है।अमेरिका ने अभी तक 298 भारतीय नागरिकों की विस्तृत जानकारी साझा की है। जिसकी भारत सरकार जांच कर रही है। मिसरी ने बताया कि सरकार इस पर सतर्कता से नजर बनाए हुए है।भारत सरकार सिर्फ अपने नागरिकों का डिर्पोटेशन ही मंजूर करेगी।

अवैध प्रवासियों के गिरोह पर कसेगा शिकंजा
विदेश सचिव ने कहा कि गैर कानूनी ढंग से अमेरिका समेत दूसरे देशों में भेजने वाले एजेंट्स और कबूतरबाजों को बढ़ावा देने वाले गिरोहों पर लगाम लगाना जरूरी है। विक्रम मिसरी ने कहा कि समस्या सिर्फ डिर्पोटेशन की नहीं, बल्कि गैरकानूनी इमिग्रेशन को बढ़ावा देने वाले गिरोहों की भी है। यह गिरोह भोले-भाले लोगों को गलत जानकारी देकर लाखों रुपए वसूलते हैं और उन्हें अमेरिका जैसे देशों में अवैध रूप से भेजते हैं। बाद में गैर कानूनी ढंग से विदेश गए लोगों को डिपोर्ट होना पड़ता है।भारत इस तरह के गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। भारत सरकार इलिगल इमिग्रेशन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

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