20 साल से फरार महाठग की कहानी: साधु बनकर आश्रम में छिपा था, सीबीआई को छकाया; SBI को लगाई 50 लाख की चपत

CBI arrests accused sadhu
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CBI arrests accused sadhu
आरोपी पिछले 20 साल से फरार था और एक आश्रम में साधु बनकर छिपा हुआ था। उसने हैदराबाद स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में काम करते हुए लाखों की चपत लगाई थी।

Bank Fraud: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 50 लाख रुपए के एक बैंक फ्रॉड मामले में शातिर जालसाज को दबोचा है। आरोपी पिछले 20 साल से फरार था और एक आश्रम में साधु बनकर छिपा हुआ था। उसने हैदराबाद स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में काम करते हुए लाखों की चपत लगाई थी। इसके बाद से वह लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा और पुलिस समेत जांच एजेंसियों को चमका देता रहा। सीबीआई ने सलाम (तमिलनाडु) के एक गांव से आरोपी को पकड़ा है।

बैंक में करता था कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी का नाम वी. चलापति राव है, जो 2002 में हैदराबाद की चंदुलाल बरादारी SBI ब्रांच में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर काम करता था। इसी दौरान उसने दस्तावेजों में हेराफेरी कर 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। इसके लिए उसने इलेक्ट्रॉनिक दुकानों के जाली कोटेशन और अपने परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के नाम पर नकली सैलरी सर्टिफिकेट बनाए थे।

पत्नी ने मृत घोषित करने के लिए कोर्ट से लगाई गुहार
कुछ समय बाद धोखाधड़ी का खुलासा हुआ तो 2004 में चलापति राव हैदराबाद से गायब हो गया। उसकी पत्नी भी इस बैंक धोखाधड़ी में आरोपी है। उसने कामाटीपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि चलापति लापता है। साथ ही कोर्ट में याचिका दायर की थी कि 7 साल तक कोई जानकारी नहीं मिलने पर पति को मृत घोषित किया जाए। जांच के दौरान आरोपी की पत्नी ने तेलंगाना हाईकोर्ट से अभियुक्त की संपत्ति को जब्त करने की कोशिशों पर रोक लगवाई।

आरोपी ने भोपाल आकर लोन एजेंट्स की नौकरी की
उधर, चलापति राव लगातार अपना स्थान, कॉन्टैक्ट नंबर और पहचान बदलता रहा। उसने 2007 में अपना नाम बदलकर एम. विनीथ कुमार रख लिया और आधार कार्ड हासिल कर लिया। चलापति ने तमिलनाडु के सलाम में दूसरी शादी भी की, लेकिन पहली शादी से हुए बेटे के संपर्क में भी बना रहा। 2014 में वह तमिलनाडु से भोपाल भाग गया, जहां उसने लोन रिकवरी एजेंट के रूप में काम किया और फिर उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक स्कूल में काम किया। 2016 में वह यहां से भी फरार हो गया।

आश्रम में स्वामी का भेष धारण कर छिपा था शातिर
सीबीआई ने ईमेल आईडी और आधार डिटेल के जरिए आरोपी को ट्रैक किया। एजेंसी को मालूम हुआ कि चलापति एक आश्रम में स्वामी विधितात्मानंद तीर्था के नाम से छिपा हुआ है। दिसंबर 2021 में उसने आश्रम को भी करीब 70 लाख रुपए का धोखा देकर छोड़ दिया और भरतपुर (राजस्थान) में रहने लगा। वहां से वह तिरुनेलवेली (तमिलनाडु) पहुंचा। आखिर में सीबीआई ने उसे तिरुनेलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सीबीआई की लगातार मेहनत और प्रयासों के कारण आरोपी की गिरफ्तारी संभव हो सकी।

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