गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान: बोले- लोकसभा चुनाव से पहले देश में लागू होगा CAA, इसमें कोई संदेह नहीं

Amit Shah on CAA
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Amit Shah on CAA
CAA Implements Before Election: अमित शाह ने देश की जनता को भरोसा दिया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए में किसी भारतीय की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है। 

CAA Implementes Before Election: लोकसभा चुनाव से पहले नागरिक संशोधन अधिनियम यानी CAA देशभर में लागू हो जाएगा। इस बारे में कोई कंफ्यूजन नहीं रहना चाहिए। यह ऐलान गृह मंत्री अमित शाह ने किया। वे शनिवार को दिल्ली में आयोजित ईटी नाऊ-ग्लोबल बिजनेस समिट में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को भड़काया गया, संशोधित कानून में किसी भारतीय की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है।

बांग्लादेश-पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
अमित शाह ने कहा कि नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) दिसंबर 2019 में संसद से पारित हो चुका है। हमारी सरकार इसे आगामी लोकसभा चुनाव (अप्रैल-मई 2024) से पहले नोटिफाई करेंगे। सीएए दूसरे देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, न कि किसी की नागरिका छीनने के लिए। इसे लेकर देश में खासकर मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है। CAA से किसी भारतीय की नागरिकता को संकट नहीं है। इस अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सीएए तो बांग्लादेश और पाकिस्तान से लौटने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देगा, जो अत्याचारों के चलते भारत लौटकर आ गए थे।

लोकसभा चुनाव पर क्या बोले गृहमंत्री शाह?
अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि यह कोई I.N.D.I.A. बनाम NDA नहीं है। यह चुनाव भ्रष्टाचार के खिलाफ विकास का चुनाव है। चुनाव भ्रष्ट सरकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का चुनाव है। चुनाव देश की सुरक्षा करने और उन लोगों के बीच है, जिन्होंने विदेश नीति का हवाला देखकर देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है।

क्या है सीसीए?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा संसद में पेश किया गया था। इसमें गैर-मुस्लिम शरणार्थियों जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके दायरे में वे सभी शरणार्थी आएंगे, जो कि 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लौटकर भारत में बस गए थे। दिसंबर 2019 में सीएए के संसद में पास होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।

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