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World Book Day 2024: 23 अप्रैल को हर साल दुनियाभर में विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। इस दिन आप देश के ख्याल साहित्यकारों की रचनाओं को पढ़ सकते हैं।

World Book Day 2024: कहते हैं किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। यही वजह है कि बचपन से ही किताबें पढ़ने की सलाह दी जाती है। दुनियाभर में किताबों के लिए प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए हर साल 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक एंड कॉपीराइट डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को राइटर्स के सम्मान के तौर पर देखा जाता है। 

विश्व पुस्तक एवं कॉपी राइट दिवस सेलिब्रेट करने की शुरुआत 1923 में की गई थी। बाद में साल 1995 में, यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में घोषित किया। इस साल वर्ल्ड बुके डे सेलिब्रेट करने की थीम 'Read Your Way' रखी गई है। 

हिन्दी उपन्यासकारों की 5 ख्यात पुस्तकें
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के अवसर पर आप अपना किताबों के प्रति प्रेम बढ़ाने की शुरुआत कर सकते हैं। हम आपको हिन्दी साहित्य के महान लेखकों की कुछ पुस्तकों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप पढ़कर अपनी जिंदगी को देखने का नजरिया बदल सकते हैं। 

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गुनाहों का देवता - देश के ख्यात लेखक धर्मवीर भारती द्वारा रचित गुनाहों का देवता एक बेहद लोकप्रिय उपन्यास है। इसे साल 1949 में लिखा गया था। इसकी कहानी ब्रिटिश राज के इलादबाद के इर्द-गिर्द बुनी गई है। 

तमस - ख्यात साहित्यकार भीष्म साहनी द्वारा रचित तमस उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की पृष्ठभूमि पर रचा गया है। ये नॉवेल साल 1973 में प्रकाशित हुआ था। इसकी भाषा हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और पंजाबी मिश्रित है। ऐतिहासिक और वास्तविक घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ये उपन्यास बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। 

गाइड - प्रसिद्ध उपन्यासकार आर.के नारायण ने साल 1960 में गाइड उपन्यास लिखा था। नारायण अंग्रेजी के ख्याल नॉवेलिस्ट थे और उनकी लेखनी को दुनियाभर में सराहा गया। गाइड उपन्यास भी मालगुडी पर आधारित था। आगे चलकर इसी उपन्यास पर सुपरहिट फिल्म देवानंद अभिनीत 'गाइड' बनी थी। 

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निर्मला - उपन्यास के सम्राट कहलाने वाले मुंशी प्रेमचंद्र द्वारा लिखा नॉवेल निर्मला बेहद लोकप्रिय है। ये एक कालजयी उपन्यास है जो हिन्दी साहित्य में विशेष दर्जा रखता है। इस उपन्यास के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद ने बेमेल विवाह और दहेज प्रथा के दुष्प्रभावों को बताया था। 

राग दरबारी - हिन्दी साहित्य के ख्यात लेखक श्रीलाल शुक्ल की लिखी व्यंग्य रचना राग दरबारी बेहद लोकप्रिय हुई है। इसे साल 1969 में लिखा गया था। इस रचना के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। राग दरबारी में सामाजिक स्थितियों पर व्यंग्य कसा गया है। जिसे पाठकों के बीच खूब पसंद किया गया।

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