Sattu Benefits: गर्मी में 5 तरीकों से खाएं सत्तू, शरीर में घुलेगी ठंडक, स्वाद भी मिलेगा लाजवाब; फायदे हैं कमाल

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गर्मी में सत्तू खाने के बड़े फायदे।
Sattu Benefits: गर्मी के दिनों में सत्तू को खूब खाया जाता है। ये एक पारंपरिक फूड है जो कि शरीर को एनर्जी देने के साथ ही पोषण प्रदान करता है। आइए जानते हैं सत्तू को खाने के तरीके और इसके सेवन के फायदे।

Sattu Benefits: गर्मियों में शरीर को ठंडक और ऊर्जा की ज़रूरत होती है, और ऐसे में सत्तू एक परंपरागत लेकिन बेहद प्रभावी विकल्प बनकर सामने आता है। यह भूने हुए चनों से बना एक प्राकृतिक सुपरफूड है, जो न केवल शरीर को ठंडा रखता है बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यह वर्षों से गर्मी में उपयोग में लाया जा रहा है, और अब शहरी लोग भी इसके फायदों को अपनाने लगे हैं।

सत्तू के सेवन के अनेक तरीके हैं जैसे नमकीन शरबत, मीठा घोल, सत्तू पराठा, लड्डू या चटनी के रूप में। हर तरीका स्वाद और पोषण का बेहतरीन मेल है। यह न केवल प्यास बुझाता है, बल्कि डिहाइड्रेशन से बचाता है, पाचन सुधारता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है। जब इसे रोज़ाना के आहार में शामिल किया जाए, तो यह गर्मी के मौसम को सेहतमंद और ऊर्जावान बना देता है।

सत्तू सेवन के बड़े फायदे

शरीर को ठंडक पहुंचाता है
सत्तू शरीर के आंतरिक तापमान को नियंत्रित करता है, जिससे गर्मी में लू लगने की संभावना कम हो जाती है। इसका सेवन ठंडे पानी में घोलकर किया जाता है, जो शरीर को तुरन्त ठंडक प्रदान करता है। खासकर दोपहर में जब गर्मी चरम पर होती है, सत्तू का सेवन ताजगी का एहसास कराता है और थकावट दूर करता है।

ऊर्जा से भरपूर
सत्तू एक नैचुरल एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं, जिससे लंबे समय तक थकान महसूस नहीं होती। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शारीरिक श्रम करते हैं या गर्मी में बाहर काम करते हैं।

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है
सत्तू में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। गर्मियों में पेट की गड़बड़ी आम होती है, ऐसे में सत्तू का सेवन पेट को ठंडा रखने के साथ-साथ गैस और एसिडिटी से भी बचाता है।

वजन को नियंत्रित करता है
सत्तू लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है जिससे बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती। इससे वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों को काफी मदद मिलती है। साथ ही यह मेटाबोलिज्म को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में फैट जमा नहीं होता।

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डायबिटीज़ में लाभकारी
सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह डायबिटिक लोगों के लिए सुरक्षित होता है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और शरीर को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है। बिना शक्कर मिलाए सत्तू पीना डायबिटीज़ मरीजों के लिए आदर्श विकल्प है।

डिहाइड्रेशन से बचाव करता है
गर्मियों में पानी की कमी से शरीर जल्दी डिहाइड्रेट हो सकता है, लेकिन सत्तू में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा अधिक होती है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और नमक-संतुलन बनाए रखता है। रोजाना सत्तू पीने से शरीर में ऊर्जा और नमी बनी रहती है।

5 तरीके से खा सकते हैं सत्तू

सत्तू का नमकीन घोल (सत्तू ड्रिंक)
यह गर्मी में सबसे आम और असरदार तरीका है। ठंडे पानी में 2 चम्मच सत्तू मिलाएं, थोड़ा काला नमक, भुना जीरा पाउडर, नींबू का रस और बारीक कटा हरा धनिया डालें। अच्छे से घोलें और ठंडा-ठंडा पिएं। यह शरीर को ठंडक देता है और लू से बचाता है।

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सत्तू का मीठा शरबत
ठंडे पानी में 2 चम्मच सत्तू मिलाएं, स्वादानुसार शक्कर या गुड़ और एक चुटकी इलायची पाउडर डालें। यह स्वाद में बेहतरीन होता है और बच्चों को भी पसंद आता है। यह जल्दी ऊर्जा देता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है।

सत्तू पराठा
सत्तू को नमक, अजवाइन, प्याज, हरा धनिया, अदरक और थोड़े सरसों के तेल के साथ मिलाकर भरावन तैयार करें। इसे गेहूं के आटे में भरकर पराठा बनाएं। दही या अचार के साथ खाएं। यह बहुत पौष्टिक और पेट भरने वाला नाश्ता है।

सत्तू का लड्डू
सत्तू को घी और गुड़ के साथ भूनकर लड्डू बनाए जाते हैं। ये हेल्दी मिठाई का विकल्प होते हैं और खासकर बच्चों या बुजुर्गों के लिए फायदेमंद हैं। इसमें कैल्शियम और आयरन की अच्छी मात्रा होती है।

सत्तू की चटनी
सत्तू में लहसुन, हरी मिर्च, नींबू का रस, नमक और थोड़ा पानी मिलाकर गाढ़ी चटनी बनाई जाती है। इसे चावल या रोटी के साथ खाया जा सकता है। यह बिहार और झारखंड में बहुत लोकप्रिय है।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

(कीर्ति)

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