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Happy New Year 2018: नए साल पर लें ये संकल्प, बदल जाएगी जिंदगी

यह साल खत्म होने वाला है। नए साल से आपको ढेरों उम्मीदें हैं, आपने कई तरह की प्लानिंग्स भी कर रखी होंगी। लेकिन आपकी सारी प्लानिंग्स तभी सफल होंगी जब आप हेल्दी और फिट रहेंगे।

Happy New Year 2018: नए साल पर लें ये संकल्प, बदल जाएगी जिंदगी
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यह साल खत्म होने वाला है। नए साल से आपको ढेरों उम्मीदें हैं, आपने कई तरह की प्लानिंग्स भी कर रखी होंगी। लेकिन आपकी सारी प्लानिंग्स तभी सफल होंगी जब आप हेल्दी और फिट रहेंगे।

इसलिए आने वाले साल के लिए आपको अपनी हेल्थ और फिटनेस से जुड़े 10 रेजोल्यूशन भी लेने चाहिए। इन पर अमल कर आप पूरे साल फिट और हेल्दी रह सकते हैं। इस बारे में मैक्स अस्पताल दिल्ली की डायटीशियन नीलम सिंह और सीनियर फिजीशियन डॉ. नरेश डैंग जानकारी दे रहे हैं।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी हेल्थ की तरफ हम जरूरी ध्यान नहीं दे पाते हैं। जबकि बगैर अच्छी हेल्थ और फिटनेस के हम अपना कोई काम अच्छी तरह से नहीं कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आने वाले साल में फिट रहने के लिए अपनी हेल्थ पर पूरा ध्यान देने का हम संकल्प लें। यहां हम दे रहे हैं इससे जुड़ी 10 उपयोगी सलाहें।

पर्याप्त पानी का सेवन

शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी भी उतना ही जरूरी है, जितना सांस लेना। अक्सर सर्दियों में लोगों को गर्मियों के मुकाबले कम प्यास लगती है। जिससे पानी का सेवन कम होता है। इसी कारण सर्दियों में डिहाईड्रेशन जैसी कई प्रकार की समस्या कुछ लोगों को होने लगती है।

इन समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से 8-10 गिलास पानी का सेवन प्रतिदिन जरूर करेँ। इसके अलावा लिक्विड डाइट भी खाने में जरूर शामिल करें। वैसे भी हर मौसम में शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।

कैफीन और शुगर का कम सेवन

कैफीन का इस्तेमाल शरीर और दिमाग की थकान मिटाने के लिए किया जाता है। लेकिन अगर संतुलित मात्रा से ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाए तो यही कैफीन शरीर के लिए काफी समस्याएं पैदा करने लगता है।

लोग कई बार ज्यादा एक्टिव रहने के चक्कर में ज्यादा कैफीन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे वह कैफीन के आदी हो जाते है। इससे नर्वसनेस, व्यग्रता, अनियमित दिल की धड़कन आदि समस्या होने का खतरा बना रहता है। वहीं शुगर का इस्तेमाल भी नियंत्रित मात्रा में करें।

शुगर का अत्यधिक सेवन शरीर में शुगर लेवल को गडबड़ा सकता है। इससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। तो नए साल में शुगर और कैफीन का सेवन बहुत कम करने का संकल्प करें।

खाएं संतुलित-पौष्टिक आहार

डाइटिंग करना आजकल कई यंगस्टर्स पसंद करते हैं। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि डाइटिंग सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकती है। डाइटिंग पर रहने के बजाय अगर आप संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करते हैं तो भी आप अपने मकसद में कामयाब हो सकते हैं।

अक्सर डाइटिंग पर रहने के पीछे फिट रहना या फिर मोटापा कम करने का मकसद छिपा होता है। यह भी सच है कि डाइटिंग पर रहने से शरीर ज्यादा जल्दी शेप में आ जाता है।

लेकिन यह शरीर को काफी तकलीफ देता है क्योंकि डाइटिंग पर रहने से अक्सर शरीर को आवश्कता के अनुसर पौष्टिक तत्व प्राप्त नही होते हैं, जिनकी कमी से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

यदि आप खुद को फिट रखना या फिर मोटापे से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप संतुलित मात्रा में पौष्टिक आहार लेना शुरू करें। आपको रिजल्ट डाइटिंग के मुकाबले थोड़ा लेट जरूर मिलेंगे लेकिन यह रास्ता सेहत के लिहाज से उचित है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन लेने को भी नए साल पर रेजोल्यूशन बना लें।

वजन रखें नियंत्रित

  • अगर आप ओवरवेटेड हैं तो आने वाले साल में इसे कंट्रोल करने का भी रेजोल्यूशन लें।
  • वजन कम करने के लिए आपको अपनी डाइट और दिनचर्या में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।
  • अगर आप ऐसा कर लेते है तो बड़ी आसानी से आप वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • वजन नियंत्रित करने के लिए कम कैलोरीयुक्त खाने का सेवन करें।
  • इसके अलावा प्रतिदिन नियमित रूप से सुबह-शाम एक्सरसाइज करें।
  • विशेषज्ञ बताते हैं कि हुला हूप्स एक्सरसाइज करने से एक से डेढ़ महीने में वजन को कम किया जा सकता है।
  • हुला हूप्स एक्सरसाइज में एक रिंग को शरीर के विभिन्न अंगों की मदद से घुमाया जाता है।

हाईजीन का ध्यान रखें

अधिकांश बीमारियां संक्रमण की वजह से पनपती हैं। अगर आप अपने आस-पास साफ-सफाई का ख्याल रखते हैं तो काफी हद तक बीमारियों से खुद को बचा सकते हैँ।

आस-पास के वातवरण के साथ-साथ शरीर की सफाई भी बेहद जरूरी है। शरीर को साफ-स्वच्छ रखेंगे तो विभिन्न बीमारियों से निजात पा सकते हैं। नियमित रूप से अपने घर की सफाई करें और प्रतिदिन शरीर को साफ करें।

स्मोकिंग-ड्रिंकिंग से दूर रहें

नए साल पर खुद को धूम्रपान यानी स्मोकिंग और ड्रिंकिंग यानी अल्कोहल के सेवन से दूर रहने का भी संकल्प लें। ये दोनों आदतें कई बीमारियों की वजह बन सकती हैं।

अध्ययनों के मुताबिक अगर आप स्मोकिंग और अल्कोहल छोड़ देते हैं तो दिल की बीमारी का खतरा 40 फीसदी तक कम हो जाता है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्मोकिंग या अल्कोहल हमारे हार्ट के लिए कितनी खतरनाक है।

निकोटिन का ज्यादा सेवन करने से ब्लड वेसेल्स ब्लॉक होने लगती है। जिससे खून का प्रवाह बाधित होता है। इससे हार्ट की कोरोनरी और कार्डियो वैस्कूलर बीमारियां बढ़ जाती हैं। निकोटिन से हार्ट अटैक होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में तंबाकू का सेवन भी आता है। हाई बीपी को ही हाइपरटेंशन कहा जाता है। इस बीमारी में धमनियों में खून का प्रवाह बढ़ाता है जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

शरीर में रक्त संचार भी सामान्य से ज्यादा होता है। हाई बीपी के बने रहने से दिल को अतिरिक्त दबाव में रहना पड़ता है। धीरे-धीरे दिल की मांशपेशियां मोटी होने लगती हैं, ऐसी स्थिति में आॅक्सीजन की मात्रा भी शरीर को ज्यादा जरूरत पड़ने लगती है।

वहीं दूसरी ओर तंबाकू सेवन से शरीर में कार्बन मोनोआॅक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है।

विटामिन-मिनरल्स का करें सेवन

नियमित मात्रा में विटामिन और मिनरल्स का सेवन करना सेहत के लिहाज से बहुत जरूरी है। कई बार डाइटिंग करते वक्त शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन की प्राप्ति नही हो पाती है, जिसके कारण शरीर में कई प्रकार की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसी न्यूट्रीशस डाइट लें, जिसमें विटामिन और मिनरल्स मौजूद हों।

रेग्युलर एक्सरसाइज

नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी हेल्दी और फिट रहने के लिए जरूरी है। दिल समेत शरीर के अनेक अंगों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन मात्र 30 मिनट की एक्सरसाइज ही काफी है। एरोबिक्स के अंतर्गत आप वॉकिंग, जॉगिंग, रनिंग, स्विमिंग, साइकलिंग, डांस आदि कर सकते है।

नो सेल्फ मेडिकेशन

दो शब्दों में कहे तो सेल्फ मेडिकेशन का अर्थ है स्वत: चिकित्सा। मतलब बीमारी होने पर खुद से दवाई लेना। अधिक बहुत से लोग ऐसा करते हैं। ध्यान रहे छोटी से छोटी बीमारी के लिए भी डॉक्टर से परामर्श लेकर ही दवा लें नही तो बाद में बीमारी बड़ा रूप भी धारण कर सकती है। इसलिए यह संकल्प भी जरूरी है कि आने वाले साल में आप सेल्फ मेडिकेशन नहीं करेंगे।

हेल्थ चेकअप

बदलती जीवनशैली में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अस्थमा, थायरॉइड आदि अनेक प्रकार की ऐसी बीमारियां हैं, जो बड़ी आसानी से शरीर को अपनी चपेट में ले लेती हैं और इनका पता अक्सर तब चलता है, जब यह विकराल रूप धारण कर लेती हैं।

अगर आप हेल्थ के प्रति थोड़ा-सा सजग हो जाएं तो इन बीमारियों को आप प्रारंभिक स्तर पर ही पहचान कर ट्रीटमेंट करा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप रेग्युलर हेल्थ चेकअप कराएं। नए साल के लिए यह संकल्प भी करें कि निश्चित अंतराल पर हेल्थ चेकअप कराएंगे।

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