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Mohideen Andavar Dargah: एक प्राचीन हिंदू मंदिर को दरगाह में बदलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानें कहां का है मामला, क्या है हकीकत, Fact Check?

Fact Check on Mohideen Andavar Dargah: तमिलनाडु के तेनकासी  जिले में में एक हिंदू मंदिर को दरगाह में बदलने का वीडियो वायरल हो रहा है। लोग इसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। हमने इस तथ्य की जांच की है कि यह जानकारी सच है या गलत। सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर इससे जुड़ा वीडियो सर्कुलेट किया जा रहा है। साथ ही व्हाट्सएप्प और दूसरे मैसेजिंग एप्प के जरिए भी यह वीडियो लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में पेश है कि क्या है इस वीडियो की सच्चाई।

हिंदू मंदिर को दरगाह में बदला गया?
बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर यह खबर फैल रही है कि तमिलनाडु में हिंदू मंदिर को इस्लामिक दरगाह में बदल दिया गया है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक वीडियो फुटेज पोस्ट किया गया है। इसमें दिख रहा है कि एक हिंदू मंदिर जैसे दिखने वाली जगह पर दरगाह है। साथ ही इस वीडियो को कैप्शन दिया गया है कि वे कह रहे हैं कि यह तेनकासी की एक मस्जिद है। आप क्या सोचते हैं?

तमिलनाडु सरकार ने खुद किया फैक्ट चेक
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि यह एक हिंदू मंदिर की तरह है। यह कोई इस्लामिक ढ़ांचे की तरह नजर नहीं आ रहा है। क्या इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि यह एक मंदिर है‍? कुछ लोगों ने यह टिप्पणी भी कि यह है कि तमिलनाडु सरकार ने ही एक मंदिर को मस्जिद को बदल दिया है। इस पूरे वीडियो को लेकर तमिलनाडु सरकार के फैक्ट चेकिंग प्लेटफॉर्म ने जानकारी साझा की है।

द्रविड़ वास्तुकला के मुताबिक बनाई गई है यह दरगाह
तमिलनाडु सरकार के फैक्ट चेक प्लेटफॉर्म ने कहा है कि एक प्राचीन हिंदू मंदिर को दरगाह में बदलने की जानकारी सच नहीं बल्कि गलत है। एक अफवाह फैलाई जा रही है। वीडियो में तेनकासी स्थित पोटलपुतूर मुकैदीन अंदावर की दरगाह (Potalputur Mukaidin Andavar Dargah )को दिखाया गया है। यह दरगाह द्रविड़ वास्तुकला के मुताबिक बनाई गई है।

क्या है हिंदू मंदिर जैसे दिखने वाली दरगाह की हकीकत?
तमिलनाडु सरकार के फैक्ट चेक प्लेटफॉर्म के मुताबिक मंदिर जैसे दिखने वाली इस दरगाह का निर्माण 1678 में इस्लामिक स्कॉलर मुकायदीन अब्दुल कादिर जिलानी (Islamic scholar Muqayeddin Abdul Qadir Jilani) की याद में किया गया था। इस दरगाह पर हिंदू और ईसाई भी आते हैं। चूंकि तमिलनाडु में ज्यादातर मंदिरों का निर्माण भी द्रविड़ शैली में किया जाता है और इस दरगाह का निर्माण भी इसी शैली में किया गया है, इसलिए कुछ कुछ लोग इसे गलत समझ रहे हैं।

तमिलनाडु सरकार ने की अफवाह नहीं फैलाने की अपील
ऐसा इसलिए है क्योंकि तमिलनाडु सरकार की तथ्य-जाँच साइट के अनुसार, तमिलनाडु में हिंदू मंदिर ज्यादातर द्रविड़ वास्तुकला के आधार पर बनाए गए हैं। ऐसे में यह यह कहना कि एक पुराने  हिंदू मंदिर को इस्लामिक दरगाह में बदल दिया गया है, बिल्कुल झूठी बात है। तमिलनाडु सरकार की ओर से लोगों से अनुरोध किया गया है कि कि कोई भी इस तरह की गलत जानकारी न फैलाए.

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