हिंदू से मुस्लिम तक हर धर्म में हाथ से खाने की देते सलाह, जानें क्या है धार्मिक और वैज्ञानिक पहलू
जानिए भारतीय संस्कृति के मुताबिक क्यों लोगों को हाथ से खाने की सलाह दी जाती है। यहां पढ़िए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण...

हाथ से खाना खाने के पीछे क्या है वजह
Why We Should Eat Food With Hands: भारत (India) को संस्कृति और परंपराओं वाला देश कहा जाता है। हम सभी भारतीय अपने रीति रिवाजों और धर्म के अनुसार बताए गए नियमों का पूरी निष्ठा से पालन करते हैं। ऐसी बहुत सी परंपराएं हैं, जो भारतीय संस्कृति को बहुत ही खूबसूरत और विज्ञान के नजरिये से बेहतरीन बनाती हैं। इन्ही परंपराओं में से एक हाथों से भोजन करना है। हालांकि तकरीबन 200 सालों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहने के बाद भारत में विदेशी संस्कृति का प्रभाव भी देखने को मिलता है। ऐसे में देश के बड़े हिस्से में लोग कटलरी का इस्तेमाल करने लगे हैं। लोगों ने कांटे और चम्मच से खाना खाना शुरू कर दिया है, जबकि भारतीय संस्कृति के मुताबिक लोगों को जमीन पर बैठकर हाथ से अपने खाने को खाना चाहिए।
लेकिन, आज भी देश के कई राज्यों में हाथ से ही खाना खाया जाता है। वह अपने ट्रेडिशन और वैल्यूज को सख्ती से फॉलो करते हैं। देश में अलग-अलग धर्म होने के बाद भी कुछ परंपराएं ऐसी हैं, जो एक दूसरे से बहुत मिलती हैं, जैसे कि हिंदू धर्म हो या इस्लाम धर्म खाना हाथ से ही खाने के लिए कहा जाता है। हम सभी भारतीय हैं और हमे अपने ट्रेडिशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि भारतीय संस्कृति में साइंस को ध्यान में रखते हुए परंपराओं को बनाया और माना गया है। अगर आप हाथों से खाना खाते हैं, तो आपका नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है, जो खाने के स्वाद और खुशबू के बारे में आपके दिमाग को संकेत देता है। हाथों की उंगलियां खाना खाते वक्त जुड़ती हैं, इसके पीछे भी आयुर्वेद और विज्ञान है। तो चलिए जानते हैं आयुर्वेद और विज्ञान के लिहाज से क्यों हमें हाथ से खाना खाने की सलाह दी जाती है।
वेदों में हाथ से खाना खाने को लेकर कही गई ये बातें?
वेदों और ग्रंथों में हाथ से खाना खाने की परंपरा के बारें में बहुत विस्तार से बताया गया है। दरअसल जब आप हाथ से खाना खाते हैं तो आपके हाथ की उंगलियां एक साथ जुड़ती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। साथ ही हाथ से भोजन करने से पेट संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। हाथों की उंगलियों में पांच तत्व होते हैं, अंगूठे से आकाश, तर्जनी उंगली से वायु, मध्यमा अग्नि, अनामिका उंगली जल और आखिरी कनिष्ठिका पृथ्वी का प्रतीक होती है। जब ये पंच तत्व एक साथ जुड़ कर भोजन को स्पर्श करती हैं, तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है, साथ ही, भोजन को बिना पूरा खाए उठने का आपका मन ही नहीं करता है।
ओवरईटिंग नहीं करते
हाथों से खाना खाने से आपका खाने से जुड़ाव बढ़ जाता है, जबकि चम्मच या कांटे से खाना खाने से आपका भोजन से उतना जुड़ाव नहीं होता, जितना हाथों से होता है। मन की शांति और खाने के नुट्रिएंट्स भी आपके शरीर में बेहतर तरीके से अब्सॉर्ब हो जाते हैं। साथ ही, हाथों से खाने से आप ओवरईटिंग नहीं करते हैं। हाथों से खाना खाने से कम खाने पर भी आपको पेट भरा सा लगता है। क्योंकि हाथों से खाना खाने पर आपका मन तृप्त हो जाता है।
हाथों से खाना हाईजीनिक होता है
ज्यादातर लोग खाते वक्त चम्मच और कांटे का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उन्हें हाइजीन की चिंता सताती रहती है। लेकिन, आपको पता होना चाहिए कि आप अपने हाथ को अच्छी तरह साफ करके खा सकते हैं। कटलरी सही तरीके से धुली है या नहीं, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। बता दें कि कटलरी में मौजूद बैक्टीरिया आपके अंदर जाकर कई बीमारियां पैदा कर सकते हैं। वहीं हाथों को आप दिन में कई बार धोते हैं, खाना खाते वक्त भी हाथ धोना आपके हाइजीन से जुड़ा है।
इस्लाम धर्म में हाथों से खाने को लेकर कही गई है ये बात
इस्लाम धर्म में भी खाना खाने से पहले हाथों को पानी से अच्छे से धोने कही गई है। इसके साथ ही खाना धीरे-धीरे खाना चाहिए। खाना खाते समय कटलरी का यूज ना करें तो बेहतर होगा क्योंकि चम्मच या कांटे को अच्छे से ना धोया गया हो तो उसमें दूसरे के मुंह का स्लाइवा हो सकता है। खाने को हमेशा दायें हाथ से खाना चाहिए।