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हिंदी सिनेमा के लेजेंड्री एक्टर दिवंगत दिलीप कुमार का पाकिस्तान में स्थित पुश्तैनी मकान अब जर्जर हालत में पहुंच गया है। हाल ही में पेशावर में हुई मूसलाधार बारिश के कारण अभिनेता की ये संपत्ति अब ढहने की कगार पर पहुंच चुकी है।

Dilip Kumar Property In Pakistan: हिंदी सिनेमा के 'यूसुफ खान' यानि दिलीप कुमार (Dilip Kumar) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई सपरहिट फिल्में दी हैं और दुनियाभर में अपने दमदार अभिनय का परचम लहराया है। दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। वहीं अब उनकी विरासत पर खतरा आ पड़ा है।

जर्जर हालत में है अभिनेता का मकान
पाकिस्तान के खैबर पख्तूख्वा प्रांत में स्वर्गीय अभिनेता दिलीप कुमार का पुश्तैनी मकान है जो अब भारी बारिश की चपेट में आ गया है। ये मकान क्षतिग्रस्त होने से ढहने की कगार पर आ गया है। हाल ही में पाकिस्तान में मूसलाधार बरिश होने के कारण एक्टर के इस बंगले की हालत बद से बदतर हो गई है। ये मकान जर्जर हालत में पहुंच चुका है और कभी भी ढह सकता है।

आपको बता दें, 13 जुलाई 2014 को पाकिस्तान ने इसे 'नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट' यानि राष्ट्रिय धरोहर घोषित किया था। खैबर पख्तूनख्वां पुरालेख विभाग ने 1880 में बनी इस संपत्ति का रेनोवेशन कार्य और संरक्षण की जिम्मा उठाया था, लेकिन इन दिनों पाकिस्तान में हुई भारी ने इन दावों की पोल खोल के रख दी है।

Dilip Kumar house in Pakistan
 

पाकिस्तान सरकार ने किए दावे
हेरिटेज काउंसिल केपीके प्रांत के सचिव शकील वहीदुल्लाह खान ने एक बयान में कहा है कि पेशावर में हाल ही में हुई बारिश ने दिलीप कुमार के मकान को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि केपीके सरकार ने इतने सारे अनुदान देने का वादा करने के बावजूद इस संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार ने इसके संरक्षण का खयाल नहीं रखा है। जिसके चलते अब दिलीप कुमार का ये पुश्तैनी मकान क्षतिग्रस्त हालत में पहुंच चुका है।

एक्टर ने पाकिस्तान में 12 साल बिताया बचपन
बता दें दिवंगत दिलीप कुमार का जन्म 1922 में पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था। पेशावर में किस्सा ख्वानी बाजार के पीछे मोहल्ला खुदादाद में उनका मकान है और उनका जन्म भी इसी मकान में हुआ था। उन्होंने अपने बचपन के 12 साल इसी घर में बिताए थे। जिसके बाद वह 1932 में भारत आ गए थे।

दिलीप कुमार को इस घर से बहुत लगाव था। वह 1988 में इस घर को देखने के लिए पाकिस्तान भी गए थे जहां उन्होंने भावुक होकर घर की दहलीज को चूमा था। 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दिलीप साहब के इस घर को पाकिस्तान की 'राष्ट्रीय धरोहर' घोषित किया था। 

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