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Satta King: सट्टा किंग सट्टा में जीती हुई रकम कैसे मिलती है? क्या जीती रकम को पाने के लिए किसी को फोन करना पड़ता है या यह खुद बैंक में ट्रांसफर कर दी जाती है ? यहां जानिए ऐसे ही कई सवालों के सटीक जवाब।

Satta King: देश में इन दिनों बाजार में कई प्रकार का सट्टा चलन (Satta Trend) में है।  इनमें रोजाना कई खिलाड़ी अंकों पर दांव लगाकर भाग्य आजमाते हैं। लेकिन इसमें जीत की कोई गारंटी नहीं होती है। सट्टेबाजी में लगाए सारे पैसे एक झटके में डूब भी सकते हैं और अगर आपका लकी नंबर आया, तो 90 गुना तक प्रॉफिट (Satta King Prize Money) भी मिल सकता है। लेकिन ज्यादातर लोगों के जेहन में एक सवाल हमेशा बना रहता है कि सट्टे में जीत गए, तो जीती रकम कैसे मिलेगी? इतना ही नहीं कई बार ये भी दुविधा रहती है कि जीती रकम मिलेगी या नहीं? यहां सच क्या है?

गौरतलब है कि डिजिटल युग से पहले कल्याण सट्टा और मटका सट्टा जैसे सट्टेबाजी गेम्स ऑफलाइन ही संचालित होते थे। आज भी ऑफलाइन सट्टेबाजी चलन में है, लेकिन वक्त से साथ बदलते डिजिटल दौर में खिलाड़ी ऑनलाइन मोड से दांव लगाने लगे हैं। इस गेम में किसी के जीतने-हारने की संभावना 1:99 होती है। 

आजकल सट्टेबाजी गेम्स के कई ऐप्स और वेबसाइट मौजूद हैं। जिन पर रजिस्ट्रेशन करने या वॉलेट बनाकर लोग अंकों पर पैसे लगाते हैं। लेकिन यह सभी गैर-कानूनी और अवैध हैं, अगर आपके साथ धोखाधड़ी हुई तो कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं होगी। आइए समझते हैं, सट्टा किंग सट्टा, मटका सट्टा और कल्याण सट्टा में जीतने पर खिलाड़ियों को कितने रुपए मिलते हैं। क्या है प्रोसेस...

ऑनलाइन मोड में दांव लगा तो कितनी रकम मिलेगी?

  • आजकल कई मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट गुपचुप तरीके से संचालित हो रही हैं। जो कि देशभर में चल रहे तमाम सट्टेबाजी गेम्स से जुड़ी हुई हैं। खिलाड़ी इन्हीं ऐप और वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कर वॉलेट तैयार करते हैं। फिर इसमें ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। इसके बाद सट्टा बाजार में खिलाड़ी आसानी से अंकों पर दांव लगा सकते हैं। अगर अंक फंसता है या किसी की जीत होती है तो सिंगल अंक पर 90 गुना तक और डबल अंक पर 900 गुना तक प्रॉफिट हो सकता है।
  • मान लीजिए कि किसी खिलाड़ी ने ओपन अंक के लिए 5 अंक पर 100 रुपए का दांव खेला। अगर शाम करीब 4 बजे सट्टा किंग ने यही 5 नंबर निकाला तो खिलाड़ी को 900 रुपए प्राइज मनी मिलेगी। इसी प्रकार खिलाड़ी शाम करीब 5.30 से 6 बजे के बीच खुलने वाले क्लोज रिजल्ट के लिए भी सिंगल नंबर पर दांव खेल सकते हैं। अगर खिलाड़ी का डबल अंक या जोड़ी नंबर आ गया तो उसे 100 रुपए पर 900 गुना यानी 9000 रुपए प्राइज मनी मिलती है।

क्या प्राइज मनी में होती है कोई कटौती?
ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से पैसे लगाने वाले कुछ खिलाड़ियों से बात करने पर पता चला कि वॉटेल से रकम को आसानी से बैंक खाते में विद्ड्राल किया जा सकता है। इस पर सट्टेबाजी ऐप या वेबसाइट की ओर से कोई कटौती नहीं होती है। लेकिन चूंकि पैसा बैंक खाते में आएगा, ऐसे में इनकम टैक्स विभाग और बैंक अधिकारियों की नजर इस पर पड़ सकती है, जिसके लिए आपको इसे घोषित आय में दिखाकर टैक्स चुकाना पड़ेगा। (ये भी पढ़ें... क्या है सट्टा किंग, क्यों रहता है टॉप ट्रेडिंग में, जानिए सबकुछ)

ऑफलाइन सट्टेबाजी में जीतने पर कितने रुपए मिलेंगे?  

  • डिजिटल युग से पहले सट्टेबाजी का खेल ऑफलाइन ही चलता था। आज भी जिन खिलाड़ियों का विश्वास ऑफलाइन पर बना हुआ है, वे यहीं पर टिके हुए हैं। इसमें सट्टा किंग के एजेंट्स देश के अलग-अलग राज्यों के शहरों में फैले हुए हैं। वे अपने पंटरों से जरिए खिलाड़ियों से ऑर्डर लेते हैं और अंकों पर लगाए गए दांव का कलेक्शन करते हैं। फिर इसे अंक खुलने से पहले आगे उतरवा या लिखवा दिया जाता है। बाद में जब अंक आता है तो खिलाड़ी को पैसे उसी एजेंट या पंटर से मिलते हैं। जहां उसने अंक या ऑर्डर लिखवाया था।
  • एक पूर्व बुकी ने कहा कि ऑफलाइन सट्टेबाजी का पूरा खेल विश्वास पर चलता है। किसने क्या ऑर्डर लिखवाया और उसे आगे बढ़ाने का पूरा हिसाब बारीकी से लिखकर रखा जाता है। खिलाड़ियों के द्वारा जीते गए रुपयों का हिसाब भी पंटर अपने पास डायरी में नोट करके रखते हैं। फिर महीने या 15 दिन में खिलाड़ी अपना हिसाब-किताब समझते हैं। कई बार धोखाधड़ी भी हो सकती है।

क्या प्राइज मनी में होती है कोई कटौती?
ऑफलाइन सट्टेबाजी में दांव लगाने पर जो प्राइज मनी मिलेगी, उसमें कटौती संभव है। अंक लिखने वाले पंटर इसमें 10 से 20 फीसदी की कटौती कर सकते हैं। यह खिलाड़ियों को पहले ही साफ कर दिया जाता है। कई बार बड़े एजेंट्स प्राइज मनी पर कोई कटौती नहीं करते है। यह उनके भरोसे और ईमानदारी पर निर्भर करता है। चूंकि यह पूरा खेल ब्लैक और हवाला के जरिए संचालित होता है। इसलिए रुपयों का लेनदेन ऑफलाइन यानी कैश में होता है। इसका कहीं कोई बैंकिंग ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड नहीं होता है।

देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है?
भारत में सट्टा या जुआ खेलना और खिलाना दोनों ही गैर-कानूनी (Illegal) है। इसके बावजूद आजकल यह ऑनलाइन (Online) बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है। सट्टा खेलने में जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन जल्दी आमीर बनने के लालच में लोग इसके जाल में फंसते चले जाते हैं। सट्टा खेलने वाले अमीर तो कम लेकिन रातों-रात गरीब जरूर हो सकते हैं।

(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। इसमें जीत-हार की कोई गारंटी नहीं होती है। सट्टा किंग में पैसे लगाना जोखिमों के अधीन है। ऐसे में किसी भी प्रकार के सट्टा या जुआ में रकम लगाने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें। उपरोक्त लेख केवल जानकारी के लिए है, हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है) 

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