महंगाई के मोर्चे पर राहत: रिटेल इन्फ्लेशन मार्च में 4.85 फीसदी पर आई, खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.52 फीसदी रही

Retail Inflation in March: खुदरा महंगाई दर यानी रिटेल इन्फ्लेशन के मामले में शुक्रवार को खुशखबरी मिली। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर मार्च में 4.85 फीसदी तक कम हो गई है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी। खासकर, खाद्य वस्तुओं की महंगाई भी 8.52 फीसदी पर रही है। यह उत्पादों की खरीदारी के लिए आम जनता को संघर्ष मुक्ति देगा। रिजर्व बैंक को महंगाई के नियंत्रण में मदद करने के लिए अब चार फीसदी के दायरे में रखा गया है।
चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान
इससे सामान्य जनता को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनकी खर्चे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केंद्रीय बैंक के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी है। यह अब तक की सबसे कम महंगाई दर है, जो आम जनता के लिए एक संकेत है कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके साथ ही, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के मामले में एक धीमी गिरावट आई है, जो अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार और रिजर्व बैंक उपायों को लेकर सकारात्मक कदम उठाएं ताकि उत्पादन और रोजगार की स्थिति में सुधार हो सके।
महंगाई दर काबू रखने का जिम्मा RBI पर
भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल-जून तिमाही में महंगाई का अनुमान 4.9 फीसदी रखा है, जो कि एक संतुलित स्तर है। इससे संभावित आर्थिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए नीतियों को सावधानीपूर्वक अंमल में लाना चाहिए। सरकार ने आरबीआई को महंगाई को 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी है।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.52 फीसदी रही
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में फूड बॉस्केट में महंगाई दर 8.52 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 8.66 फीसदी पर थी। फरवरी में खुदरा महंगाई 5.09 फीसदी और सालभर पहले की समान अवधि यानी मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी दर्ज हुई थी।
