Logo
election banner
Import duty on edible oil extends: भारत दुनिया में वेजिटेबल ऑयल की खपत में पहले और रिफाइंड ऑयल के मामले में दूसरे स्थान पर है। देश में खाद्य तेलों की यह जरूरत हर साल दो तिहाई आयात से पूरी होती है। 

Import duty on edible oil extends: भारत सरकार ने खाद्य तेल के आयात शुल्क में छूट की सीमा एक साल के लिए मार्च 2025 तक बढ़ा दी है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी गई। बता दें कि भारत वेजिटेबल ऑयल का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक है। पिछले दिनों देश की थोक और खुदरा महंगाई दरों में खासा उछाल देखने को मिला। इसके पीछे वजह है- देश में खाने-पीने की वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी। ऐसे में कुकिंग ऑयल पर ड्यूटी कम करने के फैसले से देश में खाद्य तेल की कीमतें काबू रखने में मदद मिलेगी। 

मोदी सरकार ने जून माह में क्रूड पॉम ऑयल, क्रूड सनफ्लावर ऑयल और क्रूड सोया ऑयल के लिए आयात शुल्क में छूट की सीमा मार्च 2024 तय की थी। जिसे अब मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दें कि देश में इसी साल अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार हर हाल में खाद्य पदार्थों के दामों को नियंत्रण में रखना चाह रही है।

12.5% की गई थी इंपोर्ट ड्यूटी 
केंद्र सरकार ने जून 2023 में रिफाइंड सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी 17.5% से घटाकर 12.5% की गई थी। इससे पहले कुकिंग ऑयल पर लगने वाला आयात शुल्क 32.5% था, जिसे अक्टूबर 2021 में घटाकर 17.5 फीसदी तक लाया गया था।

देश में कुकिंग के दाम स्थिर रहेंगे
न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, सनविन ग्रुप (वेजिटेबल ऑयल ब्रोकरेज) के सीईओ संदीप बजोरिया का कहना है कि चुनाव से पहले कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यह फैसला पहले से तय था। सरकार के नए नोटिफिकेशन का मौजूदा ड्यूटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए देश में खाने के तेल की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। 

गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर जारी रहेगी रोक 
केंद्रीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा था कि भारत अभी गेहूं, चावल और चीनी पर निर्यात प्रतिबंध जारी रखेगा। देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 2022 तक गेहूं और पिछले साल गैर-बासमती चावल के के निर्यात पर रोक लगाई थी। इसके अलावा मीलों के लिए 2024 में शक्कर (चीनी) के एक्सपोर्ट पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। 

खाद्य आपूर्ति के लिए दो तिहाई ऑयल का इंपोर्ट
भारत रिफाइंड ऑयल का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसके साथ ही वेजिटेबल ऑयल की खपत के मामले में पहले नंबर पर है। खाद्य तेलों की यह जरूरत दो तिहाई आयात से पूरी होती है। सबसे अधिक पाम ऑयल और इससे जुड़े अन्य प्रोडक्ट इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड से आयात किए जाते हैं। भारत में ज्यादातर सरसों, पाम, सोयाबीन और सनफ्लावर से निकल तेल कुकिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जो अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से आयात होता है।

5379487