Logo
election banner
Budget 2024: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में शामिल 75 साल के ज्यादा उम्र के अंशदाताओं के लिए योगदान और निकासी पर टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की जा रही है। 

Budget 2024: देश में पुरानी पेंशन योजना यानी (OPS) को दोबारा लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। हिमाचल प्रदेश के बाद अब कर्नाटक सरकार भी ओपीएस लागू कर चुकी है। दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। इसके इतर देश के अन्य राज्यों में नेशनल पेंशन सिस्टम यानी (NPS) का लाभ शासकीय कर्मचारियों को दिया जा रहा है। केंद्र सरकार चुनावी साल में कर्मचारियों को खुश करने के लिए एनपीएस (National Pension System) में कुछ अहम बदलाव कर सकती है। नेशनल पेंशन स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट (Budget 2024) में रियायतों को शामिल किया जा सकता है। 

1) वरिष्ठ नागरिकों को एनपीएस में मिले टैक्स छूट 
- कर्मचारियों की मांग पर 75 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन्स के लिए स्कीम में योगदान और रकम निकासी पर टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है। एनपीएस के सालाना हिस्से को वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स फ्री करने की भी मांग उठ रही है। ऐसे लाभार्थियों को आईटीआर फाइलिंग से छूट मिल सकती है।  

 2) न्यू टैक्स रिजीम में भी छूट का लाभ मिले 
- NPS योगदान को न्यू टैक्स रिजीम में भी टैक्स के दायरे से बाहर करने की मांग हो रही है। फिलहाल सेक्शन 80CCD (1B) के अंतर्गत एनपीएस में 50 हजार रु. तक के योगदान पर टैक्स छूट है। यह सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख की टैक्स छूट से अलग है। ओल्ड के मुकाबले न्यू टैक्स रिजीम में 50 हजार रुपए की कम छूट मिलती है। 

3) एम्पलायर का टैक्स फ्री योगदान 12% तक बढ़े   
- फिलहाल, न्यू टैक्स रिजीम में एम्पलायर के द्वारा कर्मचारियों के एनपीएस अकाउंट में बेसिक सैलरी+ महंगाई भत्ता (DA) का 10% तक योगदान टैक्स फ्री है। लेकिन ईपीएफओ के मामले में देखा जाए तो यह 12 फीसदी है। कुछ दिन पहले पेंशन नियामक पीएफआरडीए ने सरकार से एनपीएस में नियोक्ताओं के योगदान को बढ़ाकर EPFO के बराबर 12% करने की मांग की है।  

4) लाइफ इंश्योरेंस पर रियायत की मांग
- जीवन बीमा सेक्टर से मांग उठी है कि सरकार की ओर से एनपीएस में मिलने वाली टैक्स छूट बीमा कंपनियों की पेंशन योजनाओं पर भी लागू होनी चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीमा और पेंशन कवरेज के दायरे में लाने में मदद मिलेगी। जानकारों की मानें तो अगले दशक में बड़ी संख्या में लोग रिटायरमेंट एज में पहुंच जाएंगे। इसलिए बीमा और पेंशन प्रोडक्ट्स के नियम एनपीएस के समान होना जरूरी हैं। इसमें भी 50 हजार का अतिरिक्त डिडक्शन मिलना चाहिए। 

5) एन्युटी इनकम पर टैक्स छूट मिले
- नेशनल पेंशन स्कीम के माध्यम से लॉन्ग टर्म सेविंग को बढ़ावा देने के लिए इसे ब्याज और पेंशन के साथ शामिल किया जा सकता है। एन्युटी इनकम को टैक्स फ्री करने पर रिटायर्ड पेंशनर्स को फायदा मिलेगा। न्यू रिलीज में लाइफ इंश्योरेंस की टर्म पॉलिसी को शामिल करना चाहिए। इस पॉलिसी का मकसद लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।

5379487