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Durga Saptashati Path ke Fayde: चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल तक रहेंगे। मां की पूजा के दौरान हर दिन दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने का बड़ा महत्त्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने से मातारानी साधक पर हमेशा कृपा रखती है।

Durga Saptashati Path ke Fayde:  चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल तक रहेंगे। नवरात्रि के पहले दिन घटस्‍थापना की जाती है और मां के नाम अखंड ज्योति जलाई जाती है। इसके बाद अगले 9 दिन मां आदिशक्ति के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां की पूजा के दौरान हर दिन दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने का बड़ा महत्त्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने से मातारानी साधक पर हमेशा कृपा रखती है। 

नवरात्रि की पूजा-आराधना में दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने के चमत्कारिक फायदे है। या फिर कहें कि, इस पाठ को पूरे समर्पण और भक्ति-भाव के साथ करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और अपने भक्त की हर मनोकामना को पूरा करती है। चलिए जानते है, दुर्गा सप्‍तशती पाठ करने के फायदे और नियम- 

दुर्गा सप्‍तशती पाठ करने के फायदे

दुर्गा सप्‍तशती पाठ में 360 शक्तियों का वर्णन है, जिसमें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का मंडन किया गया है। मान्यता है कि, नवरात्रि के 9 दिन दुर्गा सप्‍तशती पाठ करने से बुरी शक्तियों और नकारात्‍मकता, गरीबी का नाश होता है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास बना रहता है। 

दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने के नियम 

- दुर्गा सप्‍तशती पाठ में पूरे 13 अध्याय है, इनमें कवच, अर्गला और कीलक शामिल है। इन्हीं से पाठ की शुरुआत होती है, वरना पाठ अधूरा माना जाता है। 

- दुर्गा सप्‍तशती का पाठ सुबह के समय ही करना चाहिए। इस पाठ को नवरात्रि के पहले दिन से लेकर महानवमी तक करना चाहिए। 

- दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के लिए लाल रंग के वस्त्र धारण कर बैठे। साथ ही पाठ करने के स्थान की पवित्रता का पूरा ख्याल रखना चाहिए। 

- दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के दौरान बीच में किसी से बातचीत नहीं करनी चाहिए। एक दिन में सभी 13 अध्याय को पूरा करना होता है। 

- दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त लय और भक्तिभाव बनाकर रखें। ब्रम्‍हचर्य का पालन करें और तामसिक भोजन का ही सेवन करें। 

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