Boycott Turkey-Azerbaijan: पाकिस्तान का साथ देना तुर्की और अजरबैजान को पड़ा भारी, वीजा आवेदनों में 42% गिरावट
भारत-पाक संघर्ष में तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थक रुख के बाद भारत में इन दोनों देशों का जबरदस्त विरोध हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42% की भारी गिरावट दर्ज की गई।
Boycott Turkey: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था। इसके जवाब में भारत की जनता ने इन दोनों देशों के प्रति अपनी नाराजगी दिखाई है। इस बीच भारत से तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42% की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
वीजा प्रॉसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, केवल 36 घंटों के भीतर, वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ने वाले यूजर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मुंबई से इंदौर तक तुर्की का जबरदस्त विरोध
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से आने वाले यात्रियों ने तुर्की जाने के लिए आवेदनों में 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई, जबकि इंदौर और जयपुर जैसे टियर 2 शहरों से आने वाले यात्रियों की रुचि अधिक मजबूत रही, जो केवल 20 प्रतिशत कम रही।
अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करने वाले यात्रियों की प्रकृति में भी बदलाव आया। पारिवारिक यात्राओं सहित ग्रुप वीजा रिक्वेस्ट में लगभग 49 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सोलो और कपल रिक्वेस्ट में 27 प्रतिशत की गिरावट आई।
युवाओं में रोष
25-34 साल के युवाओं ने सबसे तेजी से अपनी यात्रा योजनाएं बदलीं, जबकि महिला यात्रियों ने तुक्री को छोड़ वियतनाम और थाईलैंड जैसे वैकल्पिक गंतव्यों को प्राथमिकता दी। एटलिस के सीईओ मोहक नाहटा ने कहा कि लोगों ने बिना किसी दबाव के खुद ही यह फैसला लिया।
अब इन देशों में बढ़ी डिमांड
जब तुर्की और अजरबैजान का रुझान कम हुआ, तो वैकल्पिक गंतव्यों की लोकप्रियता में उछाल आया। आंकड़ों से पता चला कि इसके बाद के दिनों में वियतनाम, इंडोनेशिया और मिस्र के लिए आवेदनों में 31 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।