World Happiness Report: फिनलैंड लगातार 7वें साल टॉप पर; भारत ज्यादा खुशहाल या पाकिस्तान, जानिए दोनों देश की रैंकिंग?

World Happiness Report: अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। करीब एक दशक से प्रकाशित हो रही रिपोर्ट में पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी 20 खुशहाल देशों की सूची से बाहर हो गए।

Updated On 2024-03-20 12:19:00 IST
World Happiness Report

World Happiness Report: आज, 20 मार्च को इंटरनेशन डे ऑफ हैप्पीनेस है। यह दिन अक्सर हमें याद दिलाता है कि आखिर हम कितने खुशहाल हैं? तो आत्ममंथन करिए। इससे पहले आज, बुधवार को सामने आई संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 (World's Happiest Country) पढ़ लीजिए। रिपोर्ट के अनुसार, फिनलैंड लगातार सातवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना रहा।

सूची में भारत पिछले साल की तरह ही 126वें स्थान पर टिका हुआ है। जबकि हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान 108वें नंबर पर है। यानी भारत से ज्यादा खुशहाल पाकिस्तान है।

नॉर्डिक देशों ने 10 सबसे खुशहाल देशों में अपनी जगह बरकरार रखी है। फिनलैंड के बाद आइसलैंड और स्वीडन सबसे ज्यादा खुशहाल देशों में शामिल हैं। हालांकि अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। करीब एक दशक से प्रकाशित हो रही रिपोर्ट में पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी 20 खुशहाल देशों की सूची से बाहर हो गए। अमेरिका को 23वां तो जर्मनी को 24वां स्थान मिला है।

तालिबान सूची में सबसे निचले पायदान पर
143 देशों की सूची में तालिबान सबसे निचले पायदान पर है। 2020 में अफगानिस्तान पर तालिबान ने नियंत्रण जमा लिया। इसके बाद से अफगानिस्तान मानवीय तबाही से त्रस्त है। वहीं, कोस्टा रिका और कुवैत में सुधार आया है। कोस्टा रिक्का 12 और कुवैत 13वें स्थान पर है। दोनों देशों ने टॉप 20 में जगह बनाई है। 

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खुशहाल देशों में कोई भी बड़ा देश नहीं
आप सोच रहे होंगे दुनिया के बड़े देशों का हाल क्या है? तो बता दें कि अब दुनिया का कोई भी बड़ा देश खुशहाल देशों में शामिल नहीं है। टॉप 10 देशों में नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया है, जिनकी आबादी 15 मिलियन से अधिक है। टॉप 20 देशों में केवल कनाडा और यूके शामिल हैं। जिनकी आबादी 30 मिलियन से अधिक है।

2006-10 के बाद से खुशहाली में सबसे तेज गिरावट अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन में देखी गई। जबकि पूर्वी यूरोपीय देशों सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। हैप्पीनेस रैंकिंग लोगों के जीवन में संतुष्टि के स्व-मूल्यांकन के साथ-साथ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार पर आधारित है।

भारत खुशहाल क्यों नहीं?
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय तनाव में ज्यादा रहते हैं। इसके चलते लोगों में अवसाद और हृदय रोग तेजी से बढ़ रहा है। भारत में भ्रष्टाचार और अपराध के मामले भी ज्यादा हैं। इसकी वजह से अन्य कई देशों के मुकाबले भारतीयों में सुरक्षा की भावना कम पाई जाती है।

खुशहाल रहने के लिए क्या करिए?

  • खुश रहने की वजह ढूंढिए। 
  • घमंड या अहम न पालिए। 
  • खुशियां बांटना सीखिए। 
  • दूसरों से खुद की तुलना बिलकुल न करें। 
  • खुलकर हंसना सीखिए।
  • सफलता का उत्सव मनाइए। 

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