17 साल का निर्वासन खत्म: तारिक रहमान लौटे बांग्लादेश, लाखों समर्थकों का सैलाब; सियासी समीकरण बदले

Bangladesh News: 17 साल के निर्वासन के बाद खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की ढाका वापसी ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। 2026 चुनाव से पहले BNP सबसे मजबूत दावेदार।

Updated On 2025-12-25 14:32:00 IST

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान करीब 17 वर्षों के निर्वासन के बाद 25 दिसंबर, 2025 को बांग्लादेश लौट आए।

Bangladesh News:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल के निर्वासन के बाद आज यानि गुरुवार, 25 दिसंबर को देश लौट आए हैं। ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उनका भव्य स्वागत हुआ, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनके स्वागत में लाखों कार्यकर्ता और समर्थक जुटे हैं, जिनमें से कई लाखों की संख्या में बताए जा रहे हैं।तारिक रहमान 2008 में भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में राजनीतिक उत्पीड़न का हवाला देकर लंदन चले गए थे।

शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद उनके खिलाफ दर्ज ज्यादातर मामले खारिज हो चुके हैं।बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव होने हैं। शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा हुआ है और वह चुनाव नहीं लड़ सकेगी। ऐसे में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) चुनाव में सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही है।

बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया 80 वर्ष की हैं और लंबे समय से गंभीर रूप से बीमार चल रही हैं। वे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि तारिक रहमान पार्टी की कमान संभालेंगे और प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार होंगे। उनकी वापसी को बांग्लादेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक और निर्णायक पल माना जा रहा है।

परिवार के साथ ढाका पहुंचे तारिक रहमान

तारिक रहमान अपनी पत्नी डॉ. जुबैदा, बेटी जाइमा और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस की उड़ान से ढाका पहुंचे। विमान ने पहले सिलहट के ओस्मानी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए ठहराव किया, जिसके बाद वे राजधानी पहुंचे। 

एयरपोर्ट और राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

तारिक रहमान की वापसी को देखते हुए ढाका में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए। हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 24 घंटे के लिए आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। केवल वैध टिकट और पासपोर्ट रखने वाले यात्रियों को ही एयरपोर्ट में प्रवेश की अनुमति दी गई। अंतरिम सरकार और BNP के बीच सुरक्षा को लेकर लगातार समन्वय बना रहा।

बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण

तारिक रहमान की वापसी ऐसे समय पर हुई है जब बांग्लादेश पहले से ही तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है। हाल ही में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इस घटना ने कानून-व्यवस्था और सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ढाका में बम धमाके से बढ़ी चिंता

हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब ढाका के मोगबाजार इलाके में फ्लाईओवर से फेंके गए एक क्रूड बम की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार युवक आम नागरिक था और घटना के वक्त सड़क किनारे मौजूद था। इस वारदात ने आम लोगों में दहशत फैला दी है।

मीडिया संस्थानों पर हमले और प्रदर्शन

हिंसा के दौरान राजधानी ढाका में कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों के दफ्तरों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। कई पत्रकार लंबे समय तक इमारतों में फंसे रहे। छात्र संगठनों और सामाजिक समूहों ने दोषियों की गिरफ्तारी और त्वरित न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिए हैं।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी असर

बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की लिंचिंग की घटना के बाद भारत के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर भी तनाव देखा गया और एक-दूसरे के राजनयिकों को तलब किया गया।

सोशल मीडिया पर भावुक संदेश

बांग्लादेश की धरती पर कदम रखते ही तारिक रहमान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह आखिरकार अपने देश की जमीन पर लौट आए हैं। उनके इस संदेश को समर्थकों ने भावनात्मक और राजनीतिक रूप से अहम माना।

तारिक रहमान की वापसी के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति एक नए मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि उनकी मौजूदगी देश के राजनीतिक समीकरणों और सुरक्षा हालातों को किस दिशा में ले जाती है।

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