US Economy: तीसरी तिमाही में 4.3% रही अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ, जो 2 साल में सबसे तेज
अमेरिकी अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में 4.3% की दर से बढ़ी, जो 2 साल में सबसे तेज है। जानिए ट्रंप की टैरिफ नीति, उपभोक्ता खर्च और आम लोगों पर इसके असर की पूरी कहानी।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में 4.3% की दर से बढ़ी, जो 2 साल में सबसे तेज है।
US GDP Growth rate: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू की गई नई टैरिफ नीति का असर अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है। आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका की जीडीपी वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.3 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ी है, जो पिछले दो सालों में सबसे तेज वृद्धि है। यह अनुमान से कहीं अधिक है, क्योंकि अर्थशास्त्रियों ने करीब 3.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि 3.8 प्रतिशत रही थी, यानी तीसरी तिमाही में रफ्तार और तेज हुई है। इस तेज बढ़त का सबसे बड़ा कारण उपभोक्ताओं का मजबूत खर्च रहा। तीसरी तिमाही में उपभोक्ता खर्च 3.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जबकि दूसरी तिमाही में यह वृद्धि 2.5 प्रतिशत थी। खास बात यह रही कि इस खर्च में अचानक आई तेजी का बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद से जुड़ा था।
ईवी की खरीद से आई खर्च में तेजी
दरअसल, 30 सितंबर को इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाले टैक्स क्रेडिट की समय-सीमा समाप्त हो रही थी, इसलिए लोगों ने जल्दबाजी में गाड़ियां खरीदीं। इसका असर यह हुआ कि सितंबर तक बिक्री तेज देखने को मिली, लेकिन अक्टूबर और नवंबर में मोटर वाहन बिक्री में गिरावट देखी गई। यानी खर्च में दिखी यह उछाल स्थायी नहीं, बल्कि अस्थायी साबित हुई। हालांकि आंकड़े मजबूत दिखते हैं, लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है बात है कि ये आंकड़े कुछ हद तक पुराने हैं। 43 दिनों तक चले सरकारी शटडाउन के कारण इनका प्रकाशन देर से हुआ और इस दौरान आर्थिक हालात बदल भी चुके हैं। गैर-दलीय कांग्रेसनल बजट ऑफिस का अनुमान है कि इस शटडाउन से चौथी तिमाही की जीडीपी में 1 से 2 प्रतिशत अंक तक की कटौती हो सकती है।
टैरिफ ने बढ़ाया आम उपभोक्ताओं पर बोझ
भले ही बाद में इसका बड़ा हिस्सा रिकवर हो जाए, फिर भी 7 से 14 अरब डॉलर का नुकसान स्थायी रूप से रह सकता है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि उपभोक्ता खर्च समान रूप से नहीं बढ़ रहा। सर्वेक्षणों के अनुसार, खर्च में बढ़ोतरी मुख्य रूप से उच्च आय वर्ग के लोगों के कारण हो रही है। शेयर बाजार में तेजी से उनकी संपत्ति बढ़ी है, जिससे वे ज्यादा खर्च करने में सक्षम हैं। इसके उलट, मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग महंगाई और बढ़ती जीवन-यापन लागत से जूझ रहे हैं। अर्थशास्त्री मानते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापक टैरिफ यानी आयात शुल्क ने कीमतें बढ़ा दी हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ा है। इसी असमानता को अर्थशास्त्री के-आकार की अर्थव्यवस्था कहते हैं, जिसमें एक वर्ग ऊपर की ओर बढ़ता है और दूसरा नीचे की ओर दबाव में रहता है।
रिपोर्ट: एपी सिंह।