India-US Trade Deal: अंतिम दौर में भारत-अमेरिका व्यापार समझौता, इतने फीसदी तक घट सकता टैरिफ

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच बड़ा व्यापार समझौता अंतिम चरण में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ 50% से घटकर 15-16% तक किया जा सकता है। ऊर्जा और कृषि क्षेत्र पर फोकस के साथ यह डील भारतीय निर्यात को नई गति दे सकती है।

Updated On 2025-10-22 18:55:00 IST

India-US Trade Deal

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के लिए अच्छी खबर है। दोनों देश एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब हैं, जिसके तहत भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ को मौजूदा 50% से घटाकर 15-16% तक किया जा सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता मुख्य रूप से ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करना है।

ऊर्जा और कृषि क्षेत्र पर फोकस

रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात में क्रमिक कमी लाने पर आधारित है, जो रूसी ऊर्जा पर वैश्विक निर्भरता को कम करने की अमेरिका की रणनीति के अनुरूप है। इसके बदले, भारत कुछ अमेरिकी कृषि उत्पादों, जैसे गैर-आनुवंशिक रूप से संशोधित मक्का और सोयामील, के आयात को बढ़ाने के लिए तैयार है। यह कदम भारत के संरक्षित कृषि बाजार तक अमेरिकी पहुंच की मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

टैरिफ कटौती से भारतीय निर्यात को बढ़ावा

प्रस्तावित समझौते में टैरिफ और बाजार पहुंच की नियमित समीक्षा का प्रावधान शामिल हो सकता है, ताकि दोनों देश संतुलित व्यापार शर्तें बनाए रखें। अमेरिका द्वारा टैरिफ में भारी कटौती से भारतीय निर्यात, विशेष रूप से कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और दवाइयों जैसे क्षेत्रों में, अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं।

नेताओं की बातचीत से मिली गति

इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई फोन पर बातचीत के बाद इस समझौते को गति मिली। ट्रम्प ने कहा कि बातचीत का मुख्य फोकस व्यापार और ऊर्जा सहयोग पर था। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, "प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे आश्वासन दिया कि भारत रूस से अपनी तेल खरीद सीमित करेगा।"

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर इस बातचीत की पुष्टि करते हुए ट्रम्प को दिवाली की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, "हमारे दो महान लोकतंत्र दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें।"

आसियान शिखर सम्मेलन में घोषणा की संभावना

वार्ता से जुड़े अधिकारियों ने मिंट को बताया कि दोनों पक्ष इस महीने के अंत में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन से पहले समझौते को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं, जहां इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।

द्विपक्षीय व्यापार में मील का पत्थर

यदि यह समझौता पूरा होता है, तो यह 2020 में टैरिफ विवादों के कारण रुकी व्यापार वार्ताओं के बाद भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण प्रगति होगी। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 200 अरब डॉलर को पार कर चुका है, और अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है।

विशेषज्ञों की राय

व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ कटौती भारतीय निर्यातकों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी और अमेरिकी कंपनियों को भारत के तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगी। हालांकि, रूस से तेल आयात में कमी की शर्त भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा और भू-राजनीतिक अपेक्षाओं के बीच संतुलन बनाने की चुनौती पेश कर सकती है।

यह समझौता नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे सकता है, जिसका असर वैश्विक व्यापार और ऊर्जा नीतियों पर भी पड़ सकता है।

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