Gaza Peace Summit 2025: PM मोदी को डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति का निमंत्रण! रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 13 अक्टूबर 2025 को मिस्र के शर्म अल शेख में होने वाले गाजा शांति शिखर सम्मेलन के लिए डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने आमंत्रित किया है।

Updated On 2025-10-12 15:34:00 IST

PM Modi With Donald Trump (File Photo)

Gaza Peace Summit 2025: मिस्र के शर्म अल शेख में 13 अक्टूबर 2025 को होने वाले गाजा शांति शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने आमंत्रित किया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह निमंत्रण शनिवार को अंतिम समय पर दिया गया। हालांकि, PM मोदी या उनके कार्यालय ने उनकी भागीदारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

यह शिखर सम्मेलन गाजा में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, यह आयोजन ट्रंप के क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के दृष्टिकोण के तहत हो रहा है, जिसकी सह-अध्यक्षता ट्रंप और अल सीसी करेंगे।

ये वैश्विक नेता होंगे शामिल 

शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख वैश्विक नेता शामिल होंगे, जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, स्पेन के PM पेड्रो सांचेज, और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है।

हालांकि, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भागीदारी पर अनिश्चितता बनी हुई है, और हमास ने स्पष्ट रूप से इस सम्मेलन में शामिल न होने की घोषणा की है। हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य होसम बदरान ने कहा, "हम इस आयोजन का हिस्सा नहीं होंगे।"

PM मोदी की संभावित उपस्थिति भारत के लिए कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह उन्हें ट्रंप के साथ हाल के भारत-अमेरिका व्यापारिक तनावों के बाद पहली बार आमने-सामने चर्चा का अवसर देगी। साथ ही, यह मध्य पूर्व में भारत की बढ़ती कूटनीतिक भूमिका और शांति के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा। भारत ने हमेशा वैश्विक मंचों पर शांति और स्थिरता की वकालत की है, और यह शिखर सम्मेलन गाजा संघर्ष के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

यह आयोजन मध्य पूर्व में शांति स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वैश्विक नेता जटिल क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। यदि PM मोदी इसमें शामिल होते हैं, तो यह भारत की वैश्विक कूटनीति में एक और मील का पत्थर होगा।

Tags:    

Similar News