ऑपरेशन सिंदूर में चीनी मिसाइल तबाह: अमेरिका सहित इन 7 देशों ने भारत से क्यों मांगा PL-15E का मलबा? जानिए...

PL-15E Missile: भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की चीनी PL-15E मिसाइल तबाह हो गई। अब अमेरिका-जापान सहित 7 देशों ने भारत से मिसाइल का मलबा मांगा है।

Updated On 2025-05-21 10:17:00 IST

PL-15E Missile: भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया। भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में तबाही मचाई। 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए। 100 से ज्यादा आतंकी मारे। भारत के हमले के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने इंडिया पर अटैक किया। कई मिसाइलें और ड्रोन दागे लेकिन भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को नाकाम किया। भारतीय सेना ने चीनी मिसाइल को भी तबाह किया था। अब अमेरिका-जापान समेत 7 देशों ने भारत से चीनी मिसाइल का मलबा मांगा है।

भारत ने PL-15E को किया था नष्ट
भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान की PL-15E मिसाइल को भी अपने एयर डिफेंस सिस्टम से तबाह किया था। यह मिसाइल चीन में बनी थी। 9 मई को पंजाब के होशियारपुर जिले में एक खेत से PL-15E मिसाइल के टुकड़े बरामद किए गए थे। 12 मई को वायु सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर PL-15E मिसाइल के मलबों की तस्वीरें सार्वजनिक की थीं। महानिदेशकों ने बताया था कि पाकिस्तान ने चीन के PL-15E मिसाइलों का भी इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया था, जिसे हमारी एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया था।

जानिए क्यों मांगा मलबा
भारत के हमले में तबाह हुई चीनी मिसाइल के बारे में अमेरिका, जापान, फ्रांस और फाइव आइज के कई देशों को पता चला तो उन्होंने भारत से संपर्क किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड के अलावा फ्रांस और जापान ने भारत से चीनी मिसाइल के मलबे की जांच करने की इच्छा जताई। इन देशों ने भारत से मिसाइल का मलबा मांगा है। सभी देश मलबे की जांच कर पता लगाना चाहते हैं कि इसे बनाने के लिए चीन ने किन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है।

जानिए क्या है PL-15E मिसाइल
PL-15E हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। पाकिस्तानी JF-17 फाइटर जेट से मिसाइल को दागा गया था। भारत के S-400 और स्वदेशी आकाश तीर एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइल को तबाह किया था। मिसाइल के टुकड़े पंजाब के खेतों में मिले थे। सुरक्षा बलों ने जांच की तो पाया कि यह चीन की उन्नत मिसाइल PL-15E है। मिसाइल की अनुमानित कीमत 10 करोड़ प्रति यूनिट बताई जा रही है। इसे हवा से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की एडवांस मिसाइलों में गिना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली बार किसी संघर्ष में PL-15E मिसाइल का इस्तेमाल हुआ है।

जानिए क्या बोले विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन मिसाइल की बरामदगी एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह अपनी मारक क्षमताओं और रेंज के बारे में बहुमूल्य जानकारी देने में सक्षम होगी। मिसाइल का रडार कैसे काम करता है?, उसकी मोटर कैसे बनी है?, मिसाइल को रास्ता दिखाने वाली टेक्नोलॉजी? AESA रडार (यानि एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे) के बारे में भी कई जरूरी बातें पता चल सकती हैं। इसी लिए सभी अमेरिका से जापान तक मलबे में दिलचस्पी ले रहे हैं। 

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