ट्रंप का ‘18 सूत्रीय शांति फॉर्मूला’: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध अब समझौते के मुहाने पर? जानिए सच
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के ‘18 सूत्रीय शांति फॉर्मूले’ ने चर्चा तेज कर दी है। क्या यह प्लान दोनों देशों को समझौते के मुहाने पर ला सकता है? जानिए इसमें क्या है, कैसे बदलेगा युद्ध का समीकरण और विशेषज्ञ की नजर में।
INH DEBATE
24 फरवरी 2022- यह वह तारीख थी जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। इसी दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और इसे 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' का नाम दिया गया। लेकिन दुनिया जानती थी कि यह सिर्फ ऑपरेशन नहीं, बल्कि खुला युद्ध था। अनुमान था कि रूस कुछ ही दिनों में कीव पर कब्जा कर लेगा, पर 8 दिन तो छोड़िए, अब 4 साल होने को हैं और युद्ध अब भी जारी है।
पहले दिन से ही यह लड़ाई सिर्फ रूस बनाम यूक्रेन नहीं रही। जैसे ही रूस ने हमला किया, अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन की सैन्य मदद शुरू कर दी। सैनिक जमीन पर यूक्रेन के थे, लेकिन रणनीति और हथियार पश्चिमी देशों के।
रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक कुल मिलाकर लगभग 7 लाख से ज्यादा सैनिक इस युद्ध में मारे जा चुके हैं। आंकड़े बदलते रहते हैं, लेकिन इतना तय है कि इस संघर्ष में यूक्रेन ने भूमि, संसाधन, जनजीवन और गरिमा - सब खोया है।
इसी बीच अमेरिका की भूमिका लगातार बदलती रही।
चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि सत्ता में आते ही वह युद्ध 24 घंटे में खत्म करा देंगे।
24 घंटे नहीं, लेकिन अब, 11 महीने बाद ट्रंप खुले तौर पर दावा कर रहे हैं कि वे युद्ध को समाप्त कराने के बेहद करीब हैं।
यही वजह है कि जैसे ही रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति के हालिया बयानों में नरमी दिखाई दी, दुनिया में सवाल उठने लगे-
- क्या युद्ध वास्तव में खत्म होने वाला है?
- क्या ट्रंप का 18 सूत्रीय फॉर्मूला वह रास्ता है जिस पर सहमति बन रही है?
- क्या दुनिया को रक्तपात से राहत मिलने वाली है?
- क्या रूस–यूक्रेन के बीच ऐतिहासिक समझौता होने जा रहा है?
इन्हीं सवालों परहरिभूमि और INH के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी ने विशेष चर्चा किया।
इस विशेष पेशकश का हिस्सा बने भारत के जाने-माने पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार। उन्होंने इस पूरे मसले पर अपनी राय रखी।