कांग्रेस बनाम संघ: मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्यों की RSS पर बैन की मांग? चर्चा में सामने आई बड़ी वजह; देखें वीडियो
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के RSS पर स्थायी बैन की मांग ने सियासत गरमा दी है। जानिए इस बयान पर बीजेपी, कांग्रेस और संघ के नेताओं ने क्या कहा? डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ चर्चा में जानिए पूरा सच।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो दिन पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका मानना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर स्थाई तौर पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह बयान ऐसे समय आया है जब संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है।
बता दें कि संघ को बैन करने की यह मांग न तो नई है और न ही कोई अचंभा वाली बात है। इसलिए, क्योंकि इससे पहले भी आजाद भारत में संघ पर तीन बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है और तीनों बार जांच के बाद यह प्रतिबंध हटा लिया गया था।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि फिर खड़गे इस तरह की मांग क्यों कर रहे हैं। इसकी वजह है कर्नाटक, जहां इस समय द्वंद चल रहा है। वहां कांग्रेस की सरकार है और संघ के मुद्दे पर बीजेपी से तनातनी है।
वैसे खड़गे की इस मांग पर बहुतेरे सवाल हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि,
क्या खरगे की ये इच्छा कांग्रेस में जान फूंक देगी या जान ले लेगी?
इसी पर inh और हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने विशेष चर्चा की, उनके साथ इस खास चर्चा में तीन प्रमुख वक्ता शामिल हुए।
- डॉ. चिंतामणि मालवीय (भाजपा सांसद, पूर्व विधायक)
- डॉ. डी.के. जैन (संघ समर्थक)
- भानु प्रताप शर्मा (कांग्रेस, पूर्व सांसद)
खड़गे के इस बयान पर बीजेपी, कांग्रेस और RSS वक्ताओं ने क्या कहा?
जानने के लिए यहां देखें पूरी चर्चा
आजाद भारत में RSS पर तीन बार लगा प्रतिबंध
1948; गांधीवाद के समय तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने संघ पर बैन लगाया था। लेकिन बाद में उन्हें ही यह प्रतिबंध हटाना पड़ा।
1975: आपातकाल के दौरान दूसरा प्रतिबंध
इंदिरा गांधी के आपातकाल के दौरान संघ की गतिविधियों पर रोक लगाई थी। इसे देश में उपलब्धि के तौर पर भी देखा जाता है। यह प्रतिबंध आपातकाल खत्म होते ही स्वतः समाप्त हो गया।
1992: बाबरी ढांचा विध्वंस के बाद तीसरा प्रतिबंध
नरसिम्हा राव सरकार ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद संघ पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि जांच रिपोर्ट में संघ की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं मिली और उसी सरकार ने बैन वापस ले लिया।