UP News: रोजगार और कौशल विकास की नई इबारत लिख रही योगी सरकार
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में युवाओं को रोजगार और कौशल विकास से जोड़ने के लिए सक्रिय। ITI, रोजगार मेले और विश्वकर्मा योजना से लाखों को लाभ।
Yogi Adityanath
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए एक्शन मोड में काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में न केवल रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं, बल्कि युवाओं को आधुनिक औद्योगिक मांगों के अनुरूप प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। सरकार की इस पहल से युवाओं में एक नया उत्साह है और वे खुद को भविष्य के लिए तैयार महसूस कर रहे हैं।
तकनीकी शिक्षा का हो रहा है विस्तार
युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए सरकार ने राजकीय आईटीआई (Industrial Training Institute) के नेटवर्क को मजबूत कर रही है। वर्तमान में 286 राजकीय आईटीआई में 1.84 लाख सीटें उपलब्ध हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक बड़ा सुधार है।
इसके अलावा, यूपी में 60 से अधिक नए आईटीआई की स्थापना की गई है ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिल सके। आपको बता दें की 5000 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत 150 आईटीआई का उन्नयन किया जा रहा है, जिससे यहां के छात्र आधुनिक उपकरणों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
कौशल विकास से रोजगार तक का सफर
सरकार सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं दे रही, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रही है। 1510 नए अनुदेशकों की नियुक्ति से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार तो होगा ही , 341 अन्य पदों के परिणाम जल्द ही घोषित किये जायेंगे।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत अब तक 14 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके अलावा, रोजगार मेलों के माध्यम से 4.13 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी मिली है, और सरकार की नीतियों से प्रेरित होकर, युवा उद्यमी भी बन रहे हैं।
योजनाओं से हर वर्ग को लाभ योगी सरकार योजनाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचा रही हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से 1.20 लाख से अधिक कारीगरों को लाभ पहुंचा है, जिससे उनके पारंपरिक कौशल को बढ़ावा मिला है। स्कूली छात्रों को भी भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट प्रवीण शुरू किया गया है, जिसके तहत उन्हें स्कूल स्तर से ही कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये सभी पहलें एक मजबूत और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव रख रही हैं।
सोर्स: हरिभूमि लखनऊ ब्यूरो