UP News: उपभोक्ता शिकायतों के निपटारे में यूपी रेरा ने बनाया रिकॉर्ड, 85% से ज्यादा मामलों का निस्तारण

उत्तर प्रदेश रेरा ने 58,545 में से 50,812 उपभोक्ता शिकायतों का निस्तारण कर 85% समाधान दर हासिल की। नोएडा और लखनऊ में सबसे ज्यादा मामले दर्ज।

Updated On 2025-09-08 13:05:00 IST
multi-storey buildings

लखनऊ: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने घर खरीदारों की शिकायतों के समाधान में एक कीर्तिमान स्थापित किया है। रेरा के स्थापना के बाद से अब तक 58,545 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से 50,812 का सफलतापूर्वक निस्तारण किया जा चुका है। 85.20% की शानदार निस्तारण दर के साथ, यूपी रेरा देश की सबसे प्रभावी नियामक संस्थाओं में से एक बनकर उभरा है। यह उपलब्धि दिखाती है कि सरकार घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कितनी गंभीर है।

सबसे ज्यादा शिकायतें नोएडा और लखनऊ से

यूपी रेरा की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल भी 2,300 से ज्यादा नई शिकायतें दर्ज हुई हैं। शिकायतों के मामले में नोएडा सबसे आगे रहा, जबकि राजधानी लखनऊ दूसरे स्थान पर है। इन शिकायतों में मुख्य रूप से मकान का कब्ज़ा मिलने में देरी, बिल्डर द्वारा पैसे वापस न करना और ब्याज का भुगतान न करने से जुड़े मामले शामिल थे। यूपी रेरा ने इन सभी शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई की और खरीदारों को बड़ी राहत दी।

पारदर्शिता और प्रभावी कार्रवाई पर जोर

यूपी रेरा ने शिकायतों के समाधान के लिए एक पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली विकसित की है। खरीदारों की शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज किया जाता है और हर मामले की समयबद्ध तरीके से सुनवाई होती है। प्राधिकरण ने कई बार सख्त रुख अपनाते हुए बिल्डरों पर जुर्माना लगाया है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए हैं, जिससे बिल्डरों में जवाबदेही बढ़ी है। इस सख्ती के कारण बिल्डरों को तय समय सीमा में प्रोजेक्ट पूरे करने और ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

उपभोक्ता संरक्षण एक बड़ी जिम्मेदारी

यूपी रेरा की जिम्मेदारी उपभोक्ताओं के संरक्षण के अलावा लाखों घर खरीदारों के विश्वास को भी मजबूत करती है। यह सुनिश्चित करता है कि खरीदारों को उनके निवेश पर सुरक्षा मिले और उनके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी न हो। रियल एस्टेट सेक्टर को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए यूपी रेरा का यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित हो रहा है, जिससे भविष्य में भी घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

सोर्स: हरिभूमि लखनऊ ब्यूरो

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