दिवाली पर जगमगाया उत्तर प्रदेश: 1490 लाख यूनिट बिजली खपत के साथ बनाया राष्ट्रीय कीर्तिमान

उत्तर प्रदेश में दिवाली पर 1490 लाख यूनिट बिजली की रिकॉर्ड खपत दर्ज हुई, जो देश में सर्वाधिक है। इस खपत ने यूपी को हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से आगे कर दिया।

Updated On 2025-10-21 12:08:00 IST

NRLDC के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में दर्ज की गई 1490 लाख यूनिट की खपत देश में सर्वोच्च रही।

लखनऊ : इस वर्ष दीपावली के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश ने बिजली की खपत का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। त्योहार के दौरान, राज्य में 24 घंटे के भीतर 1490 लाख यूनिट बिजली की रिकॉर्ड खपत दर्ज की गई, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। इस भारी माग ने उत्तर प्रदेश को बिजली खपत के मामले में हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे अधिक खपत वाले राज्यों को भी पीछे छोड़ते हुए शीर्ष पर ला दिया है। पिछले साल दिवाली की अधिकतम माँग लगभग 23 हजार मेगावाट थी, जबकि इस बार पूर्व संध्या तक यह माँग करीब 21 हजार मेगावाट तक दर्ज की गई। अनुमान है कि छठ पर्व तक बिजली की मांग 20 हजार मेगावाट से ऊपर बनी रहेगी। इस रिकॉर्ड खपत ने यूपी के पावर सेक्टर की प्रबंधन क्षमता और राज्य में बढ़ते विद्युतीकरण के विस्तार है।

राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक खपत और तुलनात्मक आंकड़े

नेशनल रूरल लोड डिस्पैच सेंटर (NRLDC) के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में दर्ज की गई 1490 लाख यूनिट की खपत देश में सर्वोच्च रही। इस आंकड़े के सामने कई बड़े राज्य पीछे छूट गए। 24 घंटे के भीतर दर्ज की गई खपत में हरियाणा 1390 लाख यूनिट के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि दिल्ली में 830 लाख यूनिट, पंजाब में 880 लाख यूनिट और राजस्थान में 560 लाख यूनिट की खपत दर्ज की गई। 

उत्पादन इकाइयों का पूर्ण संचालन और ऊर्जा प्रबंधन

अनुमान से अधिक हुई बिजली की मांग को पूरा करने के लिए, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ने जिले में स्थित सभी प्रमुख बिजली घरों की इकाइयों को पूरी क्षमता से उत्पादन पर ले लिया। सोनभद्र स्थित परियोजनाओं, जैसे जल विद्युत निगम की रिहंद, ओबरा, अनपरा A, B, D और ओबरा C की इकाइयों से बेहतर उत्पादन बनाए रखने की लगातार कोशिश की गई। उदाहरण के लिए, एनटीपीसी की 3000 मेगावाट क्षमता वाली रिहंद परियोजना से लगभग 2978 मेगावाट और 2000 मेगावाट वाले सिंगरौली सुपर थर्मल पावर स्टेशन से भी लगभग 2978 मेगावाट का उत्पादन दर्ज किया गया। निजी क्षेत्र की लैंको जैसी इकाइयों से भी पूरा उत्पादन लिया गया, जिससे पूरे राज्य में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकी।

ट्रांसमिशन लाइनों पर बढ़ा भार और आपातकालीन तैयारी

अचानक से बढ़ी इस भारी मांग के कारण ट्रांसमिशन लाइनों पर भी आपूर्ति का लोड काफी बढ़ गया। पीक ऑवर (उच्चतम माँग का समय) के दौरान 765 केवी की उन्नाव, लखनऊ, बलिया, बरेली और मेरठ जैसी प्रमुख लाइनों पर क्षमता से अधिक बिजली आपूर्ति का लोड बना रहा। 400 केवी वाली रिहंद और गोरखपुर लाइनों पर भी भारी दबाव देखा गया, जहा ट्रांसमिशन क्षमता 400 केवी होने के बावजूद लोड 415 केवी तक दर्ज किया गया। बिजली विभाग ने इस चुनौती से निपटने के लिए आपातकालीन कटौती या तकनीकी दिक्कत की स्थिति में तत्काल संपर्क के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (8960697062) भी जारी किया, जिससे नागरिकों को तुरंत सहायता मिल सके और आपूर्ति में किसी भी व्यवधान को तेजी से दूर किया जा सके।


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