दो बूंद जिंदगी की: यूपी के 33 जिलों में 14 से 22 दिसंबर तक चलेगा सघन पोलियो अभियान, 1.33 करोड़ बच्चों को मिलेगी खुराक
पड़ोसी देशों से संक्रमण के खतरे को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग की 29,360 टीमें घर-घर जाकर, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन अभियान चलाएंगी।
यूपी को 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में आखिरी पोलियो का मामला मिलने के बाद, पोलियो मुक्त घोषित किया गया था।
लखनऊ : राज्य में पोलियो संक्रमण के खतरे को शून्य बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 14 से 22 दिसंबर 2025 तक सघन पल्स पोलियो अभियान चलाने जा रही है।
भारत सरकार के निर्देश पर चिह्नित प्रदेश के 33 अतिसंवेदनशील जिलों में यह अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान शून्य से पांच वर्ष तक के लगभग 1.33 करोड़ बच्चों को पोलियोरोधी खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
अभियान को सफल बनाने के लिए 29,360 टीमें और 10,686 पर्यवेक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अभियान का लक्ष्य और तैयारी
इस विशाल अभियान में 1.33 करोड़ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इस काम के लिए 29,360 टीमें और 10,686 पर्यवेक्षक घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगे। अभियान के पहले दिन (14 दिसंबर को) 44,726 पोलियो बूथ स्थापित किए जाएंगे।
घुमंतू, मलिन बस्तियों, ईंट-भट्ठों, निर्माण स्थलों और फैक्ट्रियों में रह रही आबादी पर संक्रमण के प्रसार का अधिक खतरा माना जाता है। ऐसे 16,194 घुमंतू एवं प्रवासी क्षेत्रों में 4,60,489 परिवारों को चिह्नित किया गया है।
इन तक पहुंचने के लिए 2,750 ट्रांजिट टीमें और 1,746 मोबाइल टीमें तैनात की जाएंगी। इस खतरे को कम करने के लिए नेपाल बॉर्डर पर 30 टीकाकरण पोस्ट स्थापित किए गए हैं, जहां आने-जाने वाले यात्रियों के बच्चों को सावधानीपूर्वक पोलियो वैक्सीन दी जा रही है।
इन 33 जिलों पर रहेगा विशेष फोकस
यह सघन पल्स पोलियो अभियान उत्तर प्रदेश के उन 33 जिलों में चलाया जाएगा जो पोलियो संक्रमण के प्रसार के प्रति अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
इन जिलों में आगरा, अंबेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, बदायूं, भदोही, बांदा, चंदौली, इटावा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, हमीरपुर, हाथरस, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, कुशीनगर, ललितपुर, लखनऊ, महोबा, मऊ, मथुरा, मिर्जापुर, पीलीभीत, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी शामिल हैं।
इन जिलों के स्वास्थ्य विभाग ने अभियान को सफल बनाने के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर लिया है और पूरी तैयारी की जा चुकी है।
पोलियो मुक्त राज्य को सुरक्षित रखने की पहल
उत्तर प्रदेश को लगभग 15 वर्ष पहले, 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में आखिरी पोलियो का मामला मिलने के बाद, पोलियो मुक्त घोषित किया गया था।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि पड़ोसी देशों में संक्रमण की निरंतर उपस्थिति के कारण, प्रदेश में दोबारा संक्रमण का खतरा न हो, इसलिए हर वर्ष चिन्हित जिलों में सघन पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को 'दो बूंद जिंदगी की' अवश्य पिलाएं और प्रदेश को पूरी तरह सुरक्षित बनाए रखने में सहयोग करें ताकि पोलियो मुक्त स्थिति बनी रहे।