अयोध्या: पीएम मोदी के संभावित दौरे को लेकर हाई अलर्ट, राम मंदिर की सुरक्षा फुलप्रूफ करने में जुटी एजेंसीयां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे के मद्देनजर, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने 22 दिन पहले ही डेरा डाल दिया है।
इस आयोजन में लगभग 8,000 से 10,000 अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, अब 25 नवंबर को प्रस्तावित ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। यह कार्यक्रम इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है।
हालांकि पीएमओ की ओर से अभी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है, लेकिन इस संभावित दौरे को देखते हुए देश की शीर्ष सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने 22 दिन पहले से ही अयोध्या में डेरा डालना शुरू कर दिया है। पहले दुर्गापूजा, दीपोत्सव, अक्षय नवमी और परिक्रमा जैसे बड़े आयोजनों को सफलतापूर्वक निपटाने के बाद, अब पुलिस और प्रशासन के सामने ध्वजारोहण कार्यक्रम को 'जीरो टालरेंस, जीरो फेल्योर' के संकल्प के साथ सकुशल संपन्न कराने की सबसे बड़ी चुनौती है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की उपस्थिति की प्रबल संभावना को देखते हुए, राम मंदिर समेत समूची अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम जुट गई है। खुफिया एजेंसियां प्रधानमंत्री के पूर्व के दौरों से जुड़ीं फाइलों को खंगाल रही हैं, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो। अयोध्या के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने पुष्टि की है कि सुरक्षा का एक मजबूत खाका तैयार किया जा रहा है, ताकि अयोध्या आने वाले हर व्यक्ति को सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण की अनुभूति हो।
अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था और सख्त प्रोटोकॉल
ध्वजारोहण समारोह को देखते हुए राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य बनाई जा रही है। सुरक्षा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के विशेषज्ञों ने अयोध्या में डेरा डाल दिया है। वे संभावित खतरों का आकलन कर रहे हैं और स्थानीय पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर एक बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार कर रहे हैं।
पूर्व में हुए प्रधानमंत्री के दौरों से जुड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल और योजनाओं की समीक्षा की जा रही है, ताकि अनुभवी अधिकारियों के सहयोग से मौजूदा योजना को और पुख्ता बनाया जा सके। समारोह स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और सीसीटीवी कैमरों से चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आमंत्रित अतिथियों के लिए भी सख्त प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। उन्हें पूर्वाह्न 10 बजे से पहले रामजन्मभूमि परिसर में अपना स्थान ग्रहण कर लेना होगा। देरी से आने वाले अतिथियों को प्रवेश नहीं मिल पाएगा। हर आमंत्रित व्यक्ति को परिसर में प्रवेश से पहले दो से तीन स्थानों पर अपनी पहचान और आमंत्रण सुनिश्चित कराना होगा, जिसके लिए आमंत्रण पत्र पर एक विशेष कोड भी होगा ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति प्रवेश न कर सके।
ध्वजारोहण की प्रक्रिया और दिव्य ध्वज की विशेषतायें
यह समारोह कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किए जाने की संभावना है। यह ध्वजारोहण एक स्वचालित प्रणाली से होगा। प्रधानमंत्री एक बटन दबाएंगे और ध्वज मंदिर के 205 फीट ऊंचे शिखर तक पहुंचेगा। यह पूरी प्रक्रिया मंदिर प्रांगण में लगे विशाल मॉनिटर पर लाइव दिखाई जाएगी।
राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला धर्म ध्वज भी विशेष है। यह लगभग 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा होगा, जिसका वजन लगभग 11 किलोग्राम है। इसे खास पैराशूट फैब्रिक से बनाया गया है, जो मौसम की मार से अप्रभावित रहेगा और 360 डिग्री तक घूम सकेगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, इस अवसर पर न केवल राम मंदिर के मुख्य शिखर पर, बल्कि परकोटे के सभी छह मंदिरों में भी ध्वजारोहण किया जाएगा।
मंदिर निर्माण की पूर्णता और रामनगरी में उत्साह का माहौल
ध्वजारोहण समारोह की तारीख राम मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने पुष्टि की है कि मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है और राम परिवार अब प्रथम तल पर बने राम दरबार में विराजमान हैं।
गर्भगृह में भगवान श्रीरामलला की प्रतिमा पहले से ही स्थापित है और प्रथम तल पर राम दरबार के दर्शन भी शुरू हो चुके हैं। परकोटे के सभी मंदिरों में प्रतिमाएं, कलश और ध्वजदंड स्थापित किए जा चुके हैं। मंदिर परिसर का सुंदरीकरण, फर्श बिछाने, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा उपकरणों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है।
इस भव्य समारोह को लेकर समूची रामनगरी में उत्साह का माहौल है। उत्सवों की नगरी अयोध्या में अब सुरक्षा और श्रद्धा का एक अभूतपूर्व संगम देखने को मिल रहा है। इस आयोजन में लगभग 8,000 से 10,000 अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत सहित कई गणमान्य लोग शामिल होंगे।