कौन हैं Manoj Pandey, जिन्होंने SP चीफ व्हिप पद से दिया इस्तीफा: दोपहर बाद CM योगी आदित्यनाथ से मुलाकात फिक्स, अखिलेश ने नेम प्लेट हटवाई

Manoj Pandey Resigns from post of Chief Whip: मनोज पांडे का इस्तीफा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए एक बड़ा झटका है। इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में मनोज पांडे समेत पार्टी के आठ विधायक शामिल नहीं हुए थे।

Updated On 2024-02-27 13:02:00 IST
SP MLA Manoj Pandey

Manoj Pandey Resigns from post of Chief Whip: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान के बीच अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक मनोज पांडे ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग करने का वादा किया है। मनोज पांडे रायबरेली जिले के ऊंचाहार से विधायक हैं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। अखिलेश यादव ने विधानसभा में लगी उनकी नेम प्लेट हटवा दी है। 

मनोज पांडे समेत ये 8 विधायक नहीं पहुंचे थे
मनोज पांडे का इस्तीफा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए एक बड़ा झटका है। इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में मनोज पांडे समेत पार्टी के आठ विधायक शामिल नहीं हुए थे। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी प्रमुख ने विधायकों को राज्यसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए एक बैठक बुलाई थी। लेकिन मनोज पांडे और सात अन्य विधायक- मुकेश वर्मा, महराजी प्रजापति, पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुवेर्दी, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह बैठक में शामिल नहीं हुए।

दयाशंकर बोले- सनातनी हैं मनोज पांडे
योगी सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि मनोज पांडे हमेशा से सनातन धर्म के समर्थक रहे हैं। जब विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को अयोध्या चलने का न्योता दिया था तो मनोज पांडेय चाहते थे कि सपा विधायक भी साथ चलें। लेकिन सपा ने ऐसा नहीं किया। मनोज पांडे पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्वास दिखा रहे हैं। वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट दे रहे हैं। 

10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए सुबह 9 बजे से मतदान जारी है। जिसमें भाजपा के आठ और समाजवादी पार्टी के तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव वोट डाल चुके हैं। सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भाजपा के लिए क्रॉस वोटिंग की और 'जय श्री राम' का नारा लगाया।

सत्तारूढ़ भाजपा के पास सात और प्रमुख विपक्षी दल सपा के पास तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने के लिए संख्या है, लेकिन भाजपा ने अपना आठवां उम्मीदवार मैदान में उतारा है। इसलिए एक सीट पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है। 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के पास 252 विधायक और सपा के पास 108 विधायकों हैं। सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीटें हैं।

भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13 सीटें, निषाद पार्टी के पास छह सीटें, आरएलडी के पास नौ सीटें, एसबीएसपी के पास छह सीटें, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो और बसपा के पास एक सीट है। फिलहाल चार सीटें खाली हैं। 

ये हैं भाजपा और सपा के उम्मीदवार
भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत बिंद, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन को मैदान में उतारा है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने सांसद जया बच्चन, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम-वरीयता वोटों की आवश्यकता होती है।

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