अयोध्या राम मंदिर: दिग्विजय सिंह के बयान पर बवाल, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने बताया राम विरोधी

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर की जगह, मूर्तियों और प्राण-प्रतिष्ठा पर दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए थे। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, दिग्विजय हर अच्छे काम में खामियां निकालते हैं। मूर्तियां वहीं हैं, भव्यता देने की कोशिश हुई है।

Updated On 2024-01-19 17:51:00 IST
Digvijay Singh Raju Das

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए थे। रामभक्तों में इस पर सख्त नाराजगी जताई है। अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने उन्हें राम विरोधी बताया है। जबकि, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा, वह कुछ भी बोलते रहते हैं। 

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने दिग्विजय के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुद्दा जन्मभूमि ही था। अयोध्या में मंदिरों की कमी नहीं है। जाति के आधार पर समाज को बांटने लोग अयोध्या आएं और मंदिरों को देखें। राजू दास ने कहा दिग्विजय सिंह हर चीज में खामियां निकालते हैं। अयोध्या मंदिर में सभी मूर्तियां वहीं हैं,  मूर्ति 'बाल स्वरूप' में थी। इसलिए 'दर्शन' में कठिनाई का सामना न करना था इसलिए ट्रस्ट ने इसे भव्यता देने की कोशिश की है।
 

बेवजह बोलते रहते हैं दिग्विजय: उमा 
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को कुछ न कुछ बोलने की आदत है। उनके बोलने का महत्व खत्म हो गया है। हमें ऐसे लोगों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए जो बेवजह बोलते रहते हैं। 

यह उत्साह देखने में अनभिज्ञ हैं तो दुर्भाग्य है : मालनी 

लोकगायिका और पद्म पुरस्कार विजेता मालिनी अवस्थी ने कहा, राजनीति एक बात है और आस्था एक बात है। इस पर राजनीति करने वालों से मेरा अनुरोध है कि यह न भूलें कि राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भाजपा का समारोह नहीं है। यह भारतीयों के मन की बात है। यदि अब भी आप यह बात नहीं समझ पा रहे हैं, यदि अभी भी भारत का उत्साह देखने में अनभिज्ञ हैं तो ये आपका दुर्भाग्य है। 

फैसला स्वीकार लें तो माफ कर देगी जनता 
निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने कहा, 'जनता ने विपक्ष की आवाज बंद कर दी है। कोर्ट ने उन्हें गोली चलाने के लिए नहीं कहा था। वह अपने गलत फैसले को स्वीकार कर लें तो जनता माफ कर देगी। उस दौरान केंद्र सरकार सपा और बसपा के सहयोग से चल रही थी और वह अदालत के सामने सबूत पेश कर सकते थे। आज, राम मंदिर अदालत के निर्देश पर और संविधान के अनुसार बनाया जा रहा है।

 

 

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