अयोध्या राम मंदिर में अद्भुत घटना: गर्भगृह के भीतर रामलला तक पहुंचे 'हनुमानजी', दर्शन कर लौटे, देखते रह गए कमांडो

Ayodhya Ram Mandir Monkey Entered Inside Ram Lala sanctum: हनुमानजी को अयोध्या का कोतवाल कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने उन्हें अयोध्या की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी थी। इसीलिए रामलला के दर्शन से पहले लोग हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हैं। 

Updated On 2024-01-24 14:02:00 IST
Ayodhya Ram Mandir

Ayodhya Ram Mandir Monkey Entered Inside Ram Lala sanctum: कहते हैं जहां राम, वहीं हनुमान...। अक्सर आपने संतों और अपने बुजुर्गों से कथाएं सुनी होंगी कि जहां राम नाम संकीर्तन होता है, वहां बजरंगबली किसी ने किसी रूप में आ जाते हैं। ऐसी की एक अद्भुत, अकल्पनीय घटना अयोध्या में हुई। जी हां, मंगलवार को जो हुआ, उस पर एकबारगी यकीन नहीं होगा, लेकिन यह सच है। पवनपुत्र बजरंगबली सबके सामने गर्भगृह में पहुंचे और रामलला के दर्शन करके लौट आए। उस वक्त वहां जो लोग भी थे, वो देखते रह गए। 

बता दें कि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी को प्रभुराम अपने बाल स्वरूप में भव्य महल में विराजमान हुए। पहले दिन मंगलवार को त्रेतायुग जैसी अयोध्या नजर आई। मानों भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे हैं, उनकी एक झलक पाने के लिए न सिर्फ धर्मनगरी बल्कि पूरी दुनिया दौड़ी चली आई।

दक्षिणी द्वार से गूढ़ मंडप में दाखिल हुआ बंदर
श्रद्धालु कतारबद्ध होकर रामलला के दर्शन कर रहे थे, तभी एक अद्भुत घटना घटी। जिसका वर्णन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने किया है। ट्रस्ट के मुताबिक, दिन मंगलवार, तारीख 23 जनवरी, वक्त 5 बजकर 50 मिनट का था। एक बंदर राम मंदिर के दक्षिणी द्वार से गूढ़ मंडप में दाखिल हुआ। फिर वहां से श्रद्धालुओं के बीच से गुजरते हुए गर्भगृह में प्रवेश कर गया। बंदर उत्सव मूर्ति के पास तक पहुंच गया।

गर्भगृह के बाद खड़े सुरक्षाकर्मियों की नजर जब बंदर पड़ी तो वे हरकत में आए। उन्हें डर सताने लगा कि कहीं यह बंदर उत्सव मूर्ति को जमीन पर न गिरा दे। लेकिन जैसे ही पुलिसकर्मी बंदर की तरफ दौड़े, वैसे ही वह शांत भाव से भागते हुए उत्तरी द्वार की ओर आ गया। उत्तरी द्वार बंद था। इसलिए वह पूर्व दिशा की ओर बढ़ा। दर्शनार्थियों के बीच से गुजरते हुए पूर्वी द्वार से बाहर निकल गया। उसने किसी श्रद्धालु को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाया। 

सुरक्षाकर्मियों ने हाथ जोड़ लिए। सुरक्षाकर्मी भाव विभोर हो उठे। वे कहते हैं कि यह घटना असामान्य थी। यह घटना ऐसी है, मानो स्वयं हनुमान जी रामलला के दर्शन करने आए हों।

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जब बंदर ने काट दिए थे बम के तार
बात 1998 की है। एक सिपाही को अयोध्या में एक लावारिस गाड़ी मिली। उसे थाने लाकर तलाशी ली गई तो उसमें आरडीएक्स निकला। ड्राइवर की खोजबीन की गई तो पता चला कि चार लोग आए थे। लेकिन उतरे और कहीं चले गए। पुलिस वालों को शक हो गया था कि अयोध्या में कोई बड़ी साजिश होने वाली है। नेटवर्क को खंगाला गया तो पता चला कि हनुमानगढ़ी में 18 किलो आरडीएक्स प्लांट किया गया है। लगभग सभी बम डिफ्यूज कर दिए गए थे। तभी पता चला कि एक बम छूट गया है। काफी देर परेशान हुए, बम नहीं मिल रहा था। तभी सुरक्षाकर्मियों की नजर एक बंदर पर पड़ी। वह बम के तार को दांतों से कुचल रहा था। उस दिन बंदर ने बड़ा धमाका होने से बचा लिया। उस दिन दो आतंकियों समेत चार लोग पकड़े गए थे। 

हनुमानजी अयोध्या के कोतवाल
हनुमानजी को अयोध्या का कोतवाल कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने उन्हें अयोध्या की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी थी। इसीलिए रामलला के दर्शन से पहले लोग हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हैं। 

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