अखिलेश यादव ने मानी हार?: बोले- राज्यसभा की तीसरी सीट सच्चे साथियों के पहचान की 'परीक्षा' थी, पता चल गया कि कौन-कौन PDA के साथ

Akhilesh Yadav Calls SP's Third Candidate Bid a Test: अखिलेश यादव ने दो फोटो शेयर किया और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट  वास्तव में सच्चे साथियों की पहचान करने के लिए एक परीक्षा थी।

Updated On 2024-02-27 15:06:00 IST
Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav Calls SP's Third Candidate Bid a Test: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के करीब 7 विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद अखिलेश यादव ने बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने तकरीबन अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारने का सपा का फैसला वास्तव में एक परीक्षण था और पार्टी की जीत भी इसी में शामिल है कि विद्रोहियों की पहचान कर ली गई है। 

अखिलेश यादव ने दो फोटो शेयर किया और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट  वास्तव में सच्चे साथियों की पहचान करने के लिए एक परीक्षा थी। यह जानना था कि पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के साथ कौन है और किसके दिल की आवाज उनके खिलाफ है। अब सब कुछ स्पष्ट है। यह हमारी तीसरी सीट की जीत है। 

दिल यानी अंतरात्मा की आवाज का संदर्भ कुछ बागी विधायकों से था। जिन्होंने सुबह वोटिंग के वक्त कहा था कि उन्होंने अपनी 'अंतरात्मा की आवाज' सुनी और वोट किया है। 

अखिलेश को तगड़ा झटका मनोज पांडे ने दिया
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं। सपा को आज सुबह उस समय बड़ा झटका लगा जब उत्तर प्रदेश विधानसभा में उसके मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडे ने चुनाव से कुछ घंटे पहले इस्तीफा दे दिया। पांडे और चार अन्य को बाद में भाजपा के उम्मीदवार आरपीएन सिंह और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ विक्ट्री साइन दिखाते देखा गया।

पहले से विद्रोह का हो गया था आभास
अखिलेश यादव को सोमवार रात ही विद्रोह का आभास हो गया था, जब आठ विधायक उनके द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए थे। मंगलवार सुबह विधानसभा में अपना वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि हमें पता था कि जब वे रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए तो विद्रोह करेंगे। ऐसी चर्चा थी कि अलग-अलग पैकेज की पेशकश की गई है। विद्रोह करने वालों को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना सकती है। उन्होंने कहा था कि हमारे कुछ नेता जो निजी लाभ चाहते हैं, वे भाजपा में जा सकते हैं।

सपा के भीतर विद्रोह अखिलेश यादव के लिए चिंताजनक है। लोकसभा चुनाव कुछ महीने दूर हैं और पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 में से 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार दौड़ में हैं। सत्तारूढ़ भाजपा से 8 और मुख्य विपक्षी सपा से तीन। भाजपा अपने सभी उम्मीदवारों की जीत को लेकर आश्वस्त है, खासकर तब जब उसने हाल ही में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन हासिल किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि हमें निषाद पार्टी, सुहेल देव समाज पार्टी, अपना दल, राष्ट्रीय लोक दल और जनसत्ता दल का समर्थन प्राप्त है। मुझे विश्वास है कि एनडीए के सभी 8 उम्मीदवार जीतेंगे।

इससे पहले बीजेपी के नेताओं ने दावा किया था कि सपा विधायकों का एक वर्ग उनके संपर्क में है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यहां तक कहा था कि श्री यादव के पास तीन सीटें जीतने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है।

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