सीएम योगी का ऑपरेशन घुसपैठ: रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर यूपी सरकार का कड़ा रुख, हर मंडल में बनेंगे डिटेंशन सेंटर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।

Updated On 2025-12-03 15:02:00 IST

लखनऊ सहित कई जिलों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने झुग्गियों और शहरी क्षेत्रों में छापेमारी की है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर मंडल में निरुद्ध केंद्र बनाने का आदेश दिया है और 17 नगर निकायों को अपने क्षेत्र में रह रहे संदिग्ध विदेशी नागरिकों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए यह सख्त कार्रवाई शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना, उन्हें हिरासत में लेना और फिर उनके मूल देशों में वापस भेजना है।

17 नगर निकायों को सूची बनाने का निर्देश और सत्यापन अभियान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 17 शहरी निकायों को तत्काल अपने अधिकार क्षेत्र में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की विस्तृत सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।

यह सूची आगे की जांच और कार्रवाई के लिए संबंधित कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सफाई या अन्य सफाई कार्यों में लगे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की सूची बनाने को कहा है, चाहे वे सीधे निगम के तहत काम कर रहे हों या ठेकेदारों के माध्यम से।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासनिक अमला तुरंत एक्शन में आ गया है। लखनऊ सहित कई जिलों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने झुग्गियों और शहरी क्षेत्रों में छापेमारी की है।

इस दौरान आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे संदिग्ध दस्तावेजों की सत्यता की जांच की जा रही है।

हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश

योगी सरकार ने राज्य में अवैध घुसपैठियों को रखने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेश के हर मंडल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं।

इन केंद्रों का उपयोग सत्यापन प्रक्रिया के दौरान पहचाने गए विदेशी नागरिकों को रखने के लिए किया जाएगा। सत्यापन पूरा होने और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक इन अवैध प्रवासियों को यहीं रखा जाएगा। सरकार की कार्ययोजना के अनुसार, इन केंद्रों में रखे गए घुसपैठियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके मूल देश वापस भेजने की तैयारी की जाएगी।

कमिश्नर और आईजी को पहले चरण में ही डिटेंशन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को भी अस्थायी निरुद्ध केंद्र बनाने के निर्देश दिए थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा और अपराध पर लगाम लगाना है लक्ष्य

यह व्यापक अभियान केवल पहचान और निष्कासन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करना है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव राज्य की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं, और किसी भी तरह की अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, राज्य में कई गंभीर अपराधों और तस्करी में घुसपैठियों के शामिल होने के तथ्य भी सामने आए हैं, जिसके कारण यह सख्त कदम उठाया गया है। सत्यापन प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले या संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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