लखनऊ: जेल से रिहाई के 44 दिन बाद लखनऊ में आजम की अखिलेश से मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में हलचल

जेल से रिहा होने के 44 दिन बाद सपा नेता आजम खान ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की। आजम ने बताया कि वह अपने और अपने साथियों के साथ हुई "ऐतिहासिक नाइंसाफी" की दास्तान साझा करने आए थे।

Updated On 2025-11-07 15:19:00 IST

अखिलेश यादव से आज़म की मुलाकात राजनीतिक रणनीति के हिसाब से अहम मानी जा रही है।

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने जेल से रिहा होने के 44 दिन बाद लखनऊ आकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात की है। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 23 महीने बाद 23 सितंबर 2025 को सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद आजम खान लगातार अपने गृह नगर रामपुर में थे।

लखनऊ आकर अखिलेश यादव से उनकी यह मुलाकात सपा के अंदरूनी समीकरणों और आगामी राजनीतिक रणनीति के दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही है।

मुलाकात का मकसद

मुलाकात के बाद आजम खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुद इस भेंट का मकसद बताया। उन्होंने कहा कि आज की मुलाकात का उद्देश्य यह साबित करना था कि इतनी "ऐतिहासिक नाइंसाफी" के बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी बर्दाश्त करने की क्षमता किसी पत्थर और पहाड़ से कहीं ज्यादा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने साथ, अपने परिवार के साथ और अपने शहर के साथ जो कुछ हुआ, उसकी दास्तान लेकर यहां आए थे। 

जेल में बंद साथियों का दर्द और छवि में बदलाव

आजम खान ने यह भी बताया कि उनकी बातचीत में उन कई साथियों की बात भी शामिल थी, जो अभी भी जेलों में हैं। उन्होंने कहा कि जब भी वे आपस में मिलते हैं, तो उन दर्द भरे पलों को गवाह बनाते हैं, जिन्हें आने वाली पीढ़ियां याद रखें कि किसी के साथ ऐसा भी हुआ था।

उन्होंने कहा की उनके साथ जो हुआ, उससे मीडिया द्वारा बनाई गई उनकी छवि में भी शायद बदलाव आया है और लोग अब उन्हें पहले से बेहतर समझ पा रहे हैं।

अखिलेश यादव का भावनात्मक एक्स पोस्ट 

इस मुलाकात के बाद, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर आजम खान के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा की। तस्वीर के साथ उन्होंने एक भावनात्मक पोस्ट लिखा: "न जाने कितनी यादें संग ले आए। जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेलमिलाप है यही हमारी साझा विरासत है।" अखिलेश यादव का यह पोस्ट दोनों नेताओं के बीच दशकों पुराने व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध को दर्शाता है और पार्टी कार्यकर्ताओं को एकता का संदेश देता है।


राजनीतिक गलियारों में हलचल और पार्टी की आगामी रणनीति

जेल से रिहा होने के बाद दोनों नेताओं की यह दूसरी, लेकिन लखनऊ में पहली मुलाकात थी। इससे पहले अखिलेश यादव खुद रामपुर जाकर बंद कमरे में आजम से मिले थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुलाकात ने पार्टी के अंदर की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। 

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