राम मंदिर: अयोध्या में बन रहा खास म्यूजियम, रामायण काल की मिलेगी जीवंत झलक
अयोध्या के राम मंदिर परिसर में करीब 7.5 करोड़ की लागत से खास म्यूजियम बन रहा है। भक्त यहां रामायाण काल की प्रमुख घटनाओं और ऐतिहासिक तथ्यों से रूबरू होंगे।
अयोध्या में बन रहा खास म्यूजियम; रामायण काल की मिलेगी जीवंत झलक
Ayodhya Ram Mandir Wax Museum: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। यहां राम मंदिर परिसर में करीब 7.5 करोड़ की लागत से वैक्स म्यूजियम बनाया जा रहा है। इसमें रामायाण काल की प्रमुख घटनाओं पर आधारित मोम की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने बताया कि वैक्स म्यूजियम का तेजी से चल रहा है। इस साल दीपोत्सव पर उद्घाटन की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, अयोध्या राम मंदिर परिसर में यह वैक्स म्यूजियम परिक्रमा पथ पर बनाया जा रहा है। करीब 10,000 वर्गफीट क्षेत्रफल में फैले इस म्यूजियम में श्रद्धालुओं को अनूठा मिलेगा। वह यहां भारत की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक तथ्यों से रूबरू होंगे।
7.5 करोड़ का निवेश
यूपी सरकार के मुताबिक, वैक्स म्यूजियम में अब तक करीब 7.5 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। इसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव और जटायु समेत अन्य महान किरदारों की मोम मूर्तियां लगाई जाएंगी। प्रत्येक मूर्ति को जीवंत और आकर्षक स्वरूप दिया जाएगा। खासकर, उनकी भाव-भंगिमा, पारंपरिक वेशभूषा और ऐतिहासिक प्रामाणिकता पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।
ऑडियो-विजुअल और इंटरैक्टिव डिस्प्ले
म्यूजियम में मोम कलाकृतियों के जरिए राम-रावण युद्ध, सीता हरण, हनुमान की लंका यात्रा और राम सेतु निर्माण जैसे प्रमुख प्रसंगों का जीवंत चित्रण किया जाएगा। ऑडियो-विजुअल और इंटरैक्टिव डिस्प्ले से इन्हें और प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है।
केरल के कलाकार
योगी सरकार अयोध्या को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने नित नई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू कर रही है। वैक्स म्यूजियम भी इसी पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके लिए मूर्तियां महाराष्ट्र के एक संगठन और केरल के कलाकारों द्वारा बनाई जा रही हैं। जो भक्तों को रामायण काल की जीवंत झलक प्रदान करेंगी।
तेजी से चल रहा है निर्माण कार्य
नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने बताया कि म्यूजियम निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। लगातर निगरानी भी की जा रही है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत अमानीगंज स्थित भूलभुलैया परियोजना की तर्ज पर इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जाएगा।