राजस्थान में बढ़ा स्मॉग का कहर: 8 शहरों में AQI 200 पार, भिवाड़ी के साथ जयपुर, टोंक, कोटा भी रेड जोन में पहुंचे
पिछले 24 घंटों में माउंट आबू (सिरोही) 2°C के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके बाद फतेहपुर (सीकर) का न्यूनतम तापमान 6.9°C दर्ज किया गया। जालोर, सिरोही, बारां, चूरू और सीकर सहित कई शहरों में पारा 8–10°C के बीच रहा।
राजस्थान में ठंड के साथ अब धुंध और स्मॉग का असर भी तेज दिखाई देने लगा है। उत्तर–पश्चिम से आने वाली ठंडी हवाओं के चलते प्रदेश के ज्यादातर शहरों में सुबह विजिबिलिटी काफी कम रही। इसका सीधा असर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पर भी पड़ा और शनिवार की शाम जयपुर, कोटा, टोंक और भिवाड़ी में AQI 300 के पार पहुंच गया। वहीं, कुल 8 शहर ऐसे रहे जहां प्रदूषण स्तर 200 से ऊपर दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले कुछ दिन मौसम शुष्क रहेगा और हवा का रुख इसी तरह बना रहेगा, जिससे स्मॉग की स्थिति तुरंत सुधरने की संभावना कम है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
पिछले 24 घंटों में माउंट आबू (सिरोही) 2°C के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके बाद फतेहपुर (सीकर) का न्यूनतम तापमान 6.9°C दर्ज किया गया। जालोर, सिरोही, बारां, चूरू और सीकर सहित कई शहरों में पारा 8–10°C के बीच रहा। बाकी जिलों में तापमान 10°C से ऊपर ही रहा।
रविवार तक फतेहपुर का न्यूनतम तापमान गिरकर 5.8°C हो गया, जबकि करौली, उदयपुर, झुंझुनूं, अलवर, नागौर और दौसा में तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई।
दिनभर रहा धुंध का असर
सुबह से देर शाम तक छाई स्मॉग की परत ने धूप को कमजोर कर दिया, जिससे दिन का तापमान थोड़ा नीचे आ गया। विजिबिलिटी कम रहने से सड़क और ट्रैफिक पर भी असर दिखा।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 नवंबर को प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषण भिवाड़ी (खैरथल–तिजारा) में रिकॉर्ड हुआ, जहां AQI 383 तक पहुंच गया।
भिवाड़ी फिर रेड जोन में
भिवाड़ी लगातार दूसरे दिन रेड जोन में रहा। जयपुर में भी कई इलाके जैसे–
- सीतापुरा – 343
- मानसरोवर – 321
- शास्त्रीनगर – 303
AQI 300 से ऊपर दर्ज किए गए।
कोटा में धानमंडी (311) और श्रीनाथपुरम (310) का स्तर बेहद खराब श्रेणी में रहा। टोंक में भी AQI 314 रहा, जो शहर में गंभीर प्रदूषण का संकेत देता है।
राजस्थान में बढ़ते स्मॉग और गिरती एयर क्वालिटी के बीच विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह के समय बाहर निकलने में सावधानी बरतने की सलाह दी है। मास्क पहनने और बच्चों–बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने पर जोर दिया जा रहा है।