Hindi language row: हिंदी विवाद पर फडणवीस सरकार का यू-टर्न; त्रिभाषा नीति के दो आदेश रद्द, नई समिति का गठन
महाराष्ट्र में हिंदी पढ़ाने को लेकर उठे विवाद के बाद राज्य सरकार ने त्रिभाषा नीति के दो सरकारी आदेश वापस ले लिए हैं। CM फडणवीस ने नई भाषा समिति की घोषणा की है। जानें पूरी जानकारी।
हिंदी पढ़ाने को लेकर उठे विवाद के बाद महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा नीति के दो सरकारी आदेश वापस लिए
Maharashtra Hindi Language Row: महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को स्कूलों में लागू करने को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच राज्य सरकार ने बड़ा यू-टर्न लेते हुए त्रिभाषा नीति से जुड़े दो सरकारी आदेश (GR) को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार (29 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी और बताया कि नई भाषा समिति का गठन किया जाएगा, जो आगे की रणनीति पर सुझाव देगी।
फडणवीस ने कहा कि सरकार ने अप्रैल और जून में जो दो GR जारी किए थे, उनमें कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने की बात थी। लेकिन इस पर विरोध शुरू होने के बाद अब इन दोनों आदेशों को वापस ले लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि नई समिति का नेतृत्व शिक्षाविद् डॉ. नरेंद्र जाधव करेंगे और यह समिति भाषा नीति के कार्यान्वयन को लेकर अपनी सिफारिशें देगी।
पिछली सरकार पर फडणवीस का निशाना
फडणवीस ने इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे सरकार ने ही पहले डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति की सिफारिशों को मानकर कक्षा 1 से 12 तक त्रिभाषा नीति लागू करने का फैसला लिया था।
हिंदी को लेकर बढ़ा विरोध
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को राज्य सरकार ने GR जारी कर हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा घोषित किया था, जो मराठी और अंग्रेज़ी के साथ पढ़ाई जानी थी। लेकिन विरोध बढ़ने पर 17 जून को संशोधित GR लाया गया, जिसमें हिंदी को वैकल्पिक भाषा बनाया गया।
फिर भी राज्य में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया है और 5 जुलाई को मुंबई में संयुक्त मार्च निकालने का ऐलान किया है।