अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट: CM मोहन यादव ने शहरीकरण को बताया विकास की रीढ़, किए बड़े ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट 2025 में कहा कि मध्यप्रदेश में मेट्रो, ईवी नीति, स्मार्ट सिटी और स्वच्छता मिशन के तहत व्यापक शहरी विकास हो रहा है। जानें समिट की मुख्य बातें।
Urban Transformation Summit 2025
Urban Transformation Summit 2025: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार (26 सितंबर 2025) को अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन समिट 2025 हुई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका शुभारंभ किया। कहा, शहरीकरण आज की सबसे बड़ी जरूरत है। नागरिकों को सरल, सुरक्षित और सुविधा-सम्पन्न जीवन देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
सीएम ने कहा, मेट्रो ट्रेनों, फ्लाईओवर, स्मार्ट सिटीज़ और ईवी पॉलिसी जैसे प्रगतिशील कदमों के साथ मध्यप्रदेश में शहरी विकास की नई दिशा तय हो रही है। कहा, शहरों का विकास उनकी तासीर और विशिष्ट पहचान के अनुरूप किया जा रहा है। पुरा-धरोहरों और विरासतों का भी ध्यान रख रहे हैं। ग्रीन और क्लीन सिटीज के निर्माण की दिशा में हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।
कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगाना बिग टास्क
मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल में मीडिया समूह द्वारा आयोजित अर्बन ट्रांसफार्मेशन समिट-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, अर्बन डेवलपमेंट के लिए कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगाना बिग टास्क है। इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए नागरिकों को स्वच्छ परिवेश देने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहे हैं।मेट्रो ट्रेन के साथ फ्लाई ओवर ब्रिज
मुख्यमंत्री ने कहा, बड़े शहरों में मेट्रोपोलिटन सिटी रीजन की परिकल्पना के साथ सभी प्रमुख नगरों में मेट्रो ट्रेन सेवा और फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। ताकि, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरल और आधुनिक बनाया जा सके। स्मार्ट सिटीज का निर्माण कर नई पीढ़ी की जरूरतें पूरी की जा रही हैं। इन प्रयासों से एमपी में विकास की नई धारा बहेगी और नागरिकों का जीवन और अधिक सुखद एवं सुरक्षित बनेगा।
इंदौर 8 साल से सबसे स्वच्छ शहर
मुख्यमंत्री ने कहा, मध्यप्रदेश में शहरी विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है। हमारा इंदौर लगातार 8 साल से सबसे स्वच्छ शहर है। भोपाल, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर भी डिजिटल सु-शासन, गतिशीलता और ईज ऑफ लिविंग की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहे हैं।8.56 लाख आवासों का निर्माण
मध्यप्रदेश में अफॉर्डेबल हॉउसिंग के तहत 8.56 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, जिनमें से लगभग 7.75 लाख (82 प्रतिशत) आवास परिवार की महिलाओं या संयुक्त नाम से हैं। हमने लगभग 10 लाख नये घरों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है, जिस पर 50 हजार करोड़ का निवेश होना संभावित है।अमृत योजना 2.0 में सभी नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत जल आपूर्ति में 5869 करोड़ की 297 परियोजनाओं में से 3450 करोड़ की 224 परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। सीवरेज की 4932 करोड़ की 36 परियोजनाओं में से 1312 करोड़ की 4 परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो गया है। इससे प्रदेश की लगभग 60 प्रतिशत शहरी आबादी लाभान्वित होगी।
2 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा, विकसित मध्यप्रदेश-2047 के तहत हमने 2 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है। इसमें शहरी क्षेत्रों की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। हमारी सरकार ने नगरीय क्षेत्रों के संभावित विस्तार को ध्यान में रखते हुए 'मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र नियोजन और विकास अधिनियम, 2025' को स्वीकृति दी है। भोपाल में मेट्रो ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है। इंदौर में मेट्रो ट्रेन दौड़ने लगी है। अक्टूबर तक भोपाल में भी संचालन शुरू कर दिया जाएगा।सिंहस्थ-2028 के पहले ऐसी अनेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनसे श्रद्धालु आसानी से और कम समय में, कम ऊर्जा खर्च किए श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकेंगे। प्रदेश में जनसामान्य के जीवन, स्वास्थ्य, संपत्ति एवं पर्यावरण की रक्षा हेतु एक सुदृढ़, उत्तरदायी एवं वैज्ञानिक आधार पर संचालित अग्नि एवं आपातकालीन सेवा तंत्र की स्थापना की जा रही है।
मध्य प्रदेश में नई EV पॉलिसी लागू
जन परिवहन को सुगम और व्यवस्था को सुदृढ़ करके की दिशा में हमारी सरकार ने नई ईवी पॉलिसी लागू की है। ईवी पॉलिसी के माध्यम से मध्यप्रदेश में जनसामान्य द्वारा ईवी को तेजी से अपनाना, सब्सिडी और शुल्क माफी के माध्यम से खरीदारों को लाभान्वित करना, चार्जिंग बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और कौशल विकास के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री कहा, मध्यप्रदेश अग्नि एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम, 2025 वर्तमान में नगरीकरण, औद्योगिकीकरण और जनसंख्या घनत्व में तीव्र वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में अग्नि एवं आपात स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक व्यापक एवं सुसंगत अग्नि सेवाओं के सुव्यवस्थित नियमन, नियंत्रण, निरीक्षण, प्रशिक्षण, सुरक्षा प्रमाणीकरण तथा उत्तरदायित्व निर्धारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।