MP OBC Reservation: 27% आरक्षण पर सरकार और याचिकाकर्ताओं की सहमति, अब सुप्रीम कोर्ट में होगा रास्ता साफ

मध्यप्रदेश सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच सहमति बनने के बाद ओबीसी आरक्षण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट में साफ हो सकता है। 22 सितंबर से सुनवाई होगी, सरकार और ओबीसी महासभा एक साथ पैरवी करेंगे।

Updated On 2025-09-13 17:16:00 IST

supreme court Of India

OBC Reservation Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में लंबे समय से चली आ रही ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) की कानूनी जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। राज्य सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच सहमति बनने के बाद यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि आगामी सुनवाई में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट में खुल सकता है।

राज्य के एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह की मौजूदगी में याचिकाकर्ताओं और वकीलों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आम सहमति बनी कि ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाए। एडवोकेट जनरल ने बैठक में मुख्यमंत्री का संदेश भी रखा और स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के पक्ष में है।

क्या कहा सरकार और याचिकाकर्ताओं ने?

  • बैठक में निर्णय लिया गया कि 2019 से अब तक के सभी 13% होल्ड पद ओबीसी वर्ग से भरे जाएं।
  • यह मांग शुरू से ही ओबीसी महासभा की रही है।
  • आगामी 22 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, जहां सरकार और याचिकाकर्ता एकजुट होकर पैरवी करेंगे।
  • सरकार की ओर से नियुक्त वकीलों के साथ-साथ ओबीसी महासभा से भी एक वकील को पैरवी के लिए नामित किया गया है।

मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण का विवाद

मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का निर्णय पहले ही लिया गया था, लेकिन इसे लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित रहीं। कई बार यह मामला स्थगित भी हुआ, जिससे नियुक्तियों पर रोक लगाई गई। इससे न केवल हजारों पद खाली रह गए बल्कि उम्मीदवारों में असमंजस भी बना रहा।

अब सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच बनी सहमति ने उम्मीद जगा दी है कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण लागू करने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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