MP में आयुष्मान घोटाला: शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डीन, अधीक्षक और डायरेक्टर पर FIR, जानें कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

Shivpuri Ayushman Scam: शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना की राशि निजी खाते में ट्रांसफर करने का आरोप, डीन व अधीक्षक पर लोकायुक्त ने दर्ज किया प्रकरण।

By :  Desk
Updated On 2025-07-06 17:43:00 IST

आयुष्मान घोटाला : अपने खातों में ट्रांसफर करा ली प्रोत्साहन राशि, डीन-अधीक्षक और डायरेक्टर पर FIR

Shivpuri Ayushman Scam: मध्य प्रदेश में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना से मिली प्रोत्सान राशि को डीन डॉ. धर्मदास परमहंस, अधीक्षक डॉ. आशुतोष चौऋषि और डायरेक्टर शिल्पी गुप्ता ने अपने-अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा ली। लोकायुक्त पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचान शुरू की है।

क्या है पूरा मामला? 

  • रामनिवास शर्मा ने लोकायुक्त कार्यालय में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। बताया कि डॉ. धर्मदास परमहंस ने अपनी पदस्थापना के दौरान ₹77,556 की राशि को नियमों के विरुद्ध अपने निजी खाते में ट्रांसफर करा लिया है। शिकायत की जानकारी लगी तो उन्होंने रुपए वापस सरकारी खाते में जमा करा दिए। लोकायुक्त पुलिस ने मामले में आधिकारिक रूप से प्रकरण दर्ज कर लिया है।
  • शिकायतकर्ता रामनिवास शर्मा रिटायर्ड नगर पालिका सीएमओ हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में मरीजों के इलाज के बदले 60% राशि आयुष्मान योजना के तहत जारी की जाती है।
  • चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने 15 फरवरी 2024 को इसे लेकर स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि डीन अधीक्षक और डायरेक्टर इस योजना के नोडल अधिकारी नहीं हैं, इसलिए प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र नहीं हैं। इसके बावजूद, डॉ. परमहंस, डॉ. चौऋषि और डायरेक्टर शिल्पा गुप्ता ने 77 हजार 556 रुपए अपने अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए।

डीन बोले- गलती से ट्रांसफर हुई राशि
डीन डॉ. धर्मदास परमहंस ने मामले में सफाई दी है। कहा, यह राशि गलती से मेरे खाते में ट्रांसफर हो गई थी। प्रशासन को जिसकी सूचना मैंने तुरंत दी और सुधार भी करा लिया था। संबंधित विभाग को इसका लिखित जवाब पहले ही भेजा जा चुका है। न लोकायुक्त ने मुझसे संपर्क किया और न ही कोई स्पष्टीकरण मांगा गया। उन्होंने इसे राजनीतिक या व्यक्तिगत द्वेष की साजिश करार दिया।

आयुष्मान योजना में प्रोत्साहन राशि के क्या हैं नियम?
सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इलाज के आधार पर आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस राशि का वितरण स्पष्ट गाइडलाइंस के अनुसार किया जाना चाहिए। यह राशि व्यक्ति विशेष के खाते में ट्रांसफर की जाती है तो इसे वित्तीय अनियमितता माना जाता है।

क्यों है यह मामला अहम?
शिवपुरी मेडिकल कॉलेज पहले ही सुविधाओं और स्टाफ की कमी जैसे मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा है। अब इस आर्थिक घोटाले ने अस्पताल की साख और संचालन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकायुक्त जांच शुरू होने के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग भी इस पर नजर बनाए हुए है।

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