Shahdol News: एसआईआर के दबाव में BLO की हार्ट अटैक से मौत

शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 54 वर्षीय प्राथमिक शिक्षक मनीराम नापित की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

Updated On 2025-11-25 14:20:00 IST

शहडोल में BLO की हार्ट अटैक से मौत

शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील में  दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 54 वर्षीय प्राथमिक शिक्षक मनीराम नापित की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वे शासकीय प्राथमिक शाला ढांप टोला, संकुल कोटमा में पदस्थ थे और इस समय मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत बीएलओ का जिम्मा संभाल रहे थे।

सोमवार शाम मनीराम नापित पतेरिया गांव में मतदाताओं से फॉर्म भरवा रहे थे। इसी दौरान उनका मोबाइल फोन बजा। कॉल खत्म होते ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। घबराए हुए मनीराम ने तुरंत अपने बेटे आदित्य नापित को फोन कर स्थिति बताई।

बेटे आदित्य ने बताया कि वह तुरंत वाहन लेकर मौके पर पहुंचा और पिता को घर लाया। लेकिन हालात मिनट-दर-मिनट बिगड़ते जा रहे थे। परिवार ने उन्हें कार से मेडिकल कॉलेज ले जाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी सांसें थम चुकी थीं। डॉक्टरों ने पहुंचते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया।

परिजनों का आरोप -“दबाव ने ले ली जान”

परिवार का कहना है कि मनीराम नापित पिछले कई दिनों से SIR कार्य के तेज दबाव में थे।

उनकी पत्नी ममता नापित ने बताया कि उन्हें अक्सर देर रात तक फॉर्म डिजिटाइजेशन करना पड़ता था। अधिकारियों के मोबाइल निर्देश लगातार आते रहते थे। बीपी और शुगर की बीमारी के बावजूद उन्हें रोज फील्ड में भेजा जा रहा था। परिजनों ने साफ आरोप लगाया है कि अत्यधिक दबाव ने उनकी जान ले ली।

67% काम पूरा, लेकिन राहत नहीं

मनीराम नापित बूथ क्रमांक 212 के बीएलओ थे। यहां कुल 676 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 453 फॉर्म उन्होंने डिजिटाइज कर दिए थे।

यानी लगभग 67.01% कार्य पूरा कर लिया था, इसके बावजूद किसी तरह की राहत या समय नहीं दिया गया। बेटे का कहना है कि पिता कई बार अधिकारियों को दबाव की शिकायत कर चुके थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बीएलओ को मतदाता सूची में नाम जोड़ने–हटाने, घर-घर फॉर्म भरवाने, और ऑनलाइन पोर्टल पर रात भर अपलोड करने की मजबूरी रहती है।

परिवार ने मांगी सरकारी सहायता

परिवार अब सरकार से मांग कर रहा है कि मृतक शिक्षक के आश्रितों को आर्थिक सहायता और अनुकंपा नियुक्ति जैसे कदम उठाए जाएं। 

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