Rajgarh Incident: मेंटीनेंस के दौरान ट्रांसफॉर्मर में ब्लास्ट, इंजीनियर समेत 3 कर्मचारी झुलसे

MP के राजगढ़ में ट्रांसफॉर्मर ब्लास्ट, तीन कर्मचारी 70-80% झुलसे। बिना अनुमति चालू लाइन के दौरान किया जा रहा था मेंटीनेंस। गंभीर हालत में भोपाल रेफर किया गया।

By :  Desk
Updated On 2025-07-18 19:41:00 IST

राजगढ़ में ट्रांसफॉर्मर ब्लास्ट, तीन कर्मचारी झुलसे, भोपाल रेफर

Rajgarh Transformer Blast: मध्यप्रदेश में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर क्षेत्र में शुक्रवार (18 जुलाई 2025) दोपहर जल यंत्रालय परिसर में ट्रांसफॉर्मर ब्लास्ट हो गया। मरम्मत के बाद ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग की जा रही थी, तभी अचानक धमाका हुआ और उसमें आग लग गई। इस हादसे में मेंटीनेंस कर रहे 3 कर्मचारी बुरी तरह से झुलस गए हैं। गंभीर हालत में उन्हें भोपाल रेफर किया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट इतना भीषण था कि ट्रांसफार्मर पर 15-20 फीट ऊँची आग की लपटें उठने लगीं। वहां काम कर रहे एसएमसी इंफ्रास्ट्रक्चर के साइट इंजीनियर संजय गुप्ता (39), जितेंद्र पटेल (37) और नरेंद्र पटेल (40) का शरीर 70 फीसदी से अधिक झुलस गया है।

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने जख्मी कर्मचारियों को तुरंत खिलचीपुर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन प्राथमिक उपचार देकर वहां से भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया है। भोपाल में उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताई हादसे की कहानी 

प्रत्यक्षदर्शी मनोज अहिरवार के मुताबिक, धमाका इतना तेज था कि आधा किमी दूर तक आवाज सुनाई दी। आग लगते ही तीनों कर्मचारी बचाओ-बचाओ चिल्लाते हुए दौड़े और कीचड़ में लोट गए। आसपास खड़े लोगों ने उनके जलते कपड़े फाड़े और निजी वाहन से तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

जेई ने बताया क्यों हुआ हादसा?

बिजली वितरण कंपनी के जेई आलोक सिंह बघेल ने बताया कि किसी ने पूर्व सूचना दिए बिना ही बिजली चालू कर दी थी, जिस कारण ट्रांसफार्मर में फॉल्ट हुआ और आग लग गई। यहां 200 केवी डीटीआर में पहले से फॉल्ट था फिर भी कर्मचारियों ने एबी स्विच लगाकर लाइन चालू कर दी, जिस कारण ब्लास्ट हो गया।

कंपनी और ठेका जानकारी:

एसएमसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड भोपाल की प्राइवेट कंपनी है। इसने 12 करोड़ में टेंडर ले रखा है। अगले 5 वर्षों के लिए मेंटेनेंस अनुबंध भी कंपनी के पास है। हादसे के समय कर्मचारी इसी मेंटेनेंस कार्य के लिए ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत कर रहे थे।

प्रशासन की भूमिका और लापरवाही

  • बिजली कंपनी से मेंटीनेंस की अनुमति नहीं ली गई थी।
  • चालू लाइन में कार्य करना सुरक्षा नियमों की सीधी अवहेलना है।
  • मामले की उच्चस्तरीय जांच और जवाबदेही की मांग उठ रही है।

यह हादसा न सिर्फ मानव जीवन की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि संचालित परियोजनाओं की निगरानी और अनुमति प्रक्रिया की गंभीर खामियों को भी उजागर करता है। उम्मीद है कि सरकार और संबंधित एजेंसियाँ इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगी।

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