MP में 16वीं विधानसभा का दूसरा सत्र 7 से: विधायकों ने लगा दी सवालों की झड़ी, जानें इस बार कांग्रेस क्या करने वाली है!

मध्यप्रदेश में 16वीं विधानसभा का दूसरा सत्र 7 फरवरी से शुरू हो रहा है। 19 फरवरी तक चलने वाले सत्र में 9 बैठकें होंगी। इस बार विधानसभा में सवालों की गूंज रहेगी। कांग्रेस ने सवालों की झड़ी लगा दी है। 2303 सवाल विधानसभा सचिवालय पहुंच चुके हैं।

Updated On 2024-02-05 20:33:00 IST
विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल मंगुभाई के अभिभाषण से होगी।

भोपाल। मध्य प्रदेश में 16वीं विधानसभा का दूसरा सत्र 7 फरवरी से शुरू हो रहा है। पहले सत्र में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, शून्यकाल नहीं हुए थे, क्योंकि इस सत्र में विधायकों का शपथ ग्रहण और अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ था। लेकिन दूसरे सत्र में शासकीय कार्य सहित प्रश्नकाल होगा। विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी के लिए सवालों की झड़ी लगा दी है। इस सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय तक 2303 सवाल पहुंचे हैं। इनमें ऑनलाइन सवालों की संख्या सर्वाधिक 1340 हैं, जबकि ऑफलाइन सवाल 963 हैं।

13 दिन तक चलेगा विधानसभा सत्र
बता दें कि विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल मंगुभाई के अभिभाषण से होगी।  8 फरवरी से प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, शून्यकाल सहित अन्य शासकीय कार्य होंगे। 19 फरवरी तक चलने वाले इस सत्र में कुल 9 बैठकें होंगी।

कांग्रेस ने इन मुद्दों पर सरकार से ज्यादा सवाल किए
बता दें कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर मोहन सरकार को कांग्रेस घेरती रही है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी तो मुख्यमंत्री मोहन यादव को समय-समय पर याद दिलाते रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री के साथ राज्य के गृह मंत्री भी हैं। इसलिए कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी उनकी है। विधायकों ने कानून व्यवस्था, राज्य में बढ़ते अपराधों के साथ राज्य सरकार में भ्रष्टाचार, किसान, युवाओं, महिलाओं से जुड़े सवाल ज्यादा पूछे हैं।

18 से 21 दिसंबर तक चला था विधानसभा का पहला सत्र 
बता दें मध्यप्रदेश में 16वीं विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चला था। 4 दिनों तक चले सत्र में नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण और अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ था। सदन के अन्य जरूरी कामकाज भी निपटाए गए थे। सत्र के शुरुआती दो दिन विधायकों की शपथ हुई थी। बाकी के दो दिन अन्य काम निपटाए गए थे। बता दें विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली थी। बीजेपी ने 163 सीटों पर विजय हासिल की थी। कांग्रेस को महज 66 सीटें ही जीत पाई थी। एक निर्दलीय विधायक ने भी चुनाव में जीत हासिल की थी। 

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