भोपाल में दिखाई गई रूसी मास्टरपीस मिरर; कवि उदयन वाजपेयी ने कहा- नया समय पैदा करना सिर्फ़ कला में ही संभव

1975 में प्रदर्शित हुई मिरर 1975 की तत्कालीन रुस (सोवियत संघ) पर आधारित ड्रामा फ़िल्म है। जो एक आत्मकथ्यात्मक और अपरंपरागत रूप बनाई गई सिनेमाई कविता है।

Updated On 2024-08-31 22:04:00 IST
कवि उदयन वाजपेयी ने कहा- नया समय पैदा करना सिर्फ़ कला में ही संभव

भोपाल। शनिवार को सिने क्लासिक में रूसी मास्टरपीस मिरर दिखाई गई। प्रसिद्ध कवि-लेखक-आलोचक उदयन वाजपेयी ने इस पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समय को तोड़ कर नया समय पैदा करना सिर्फ़ कला में ही संभव है। 

तार्कोवस्की का सिनेमा एक नया अनुभव 
वे सिने क्लासिक के अन्तर्गत प्रदर्शित की गई आंद्रेई तार्कोवस्की की प्रसिद्ध फ़िल्म मिरर और निदेशक के परिचय में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि तार्कोवस्की का सिनेमा एक नया अनुभव रचता है जो आम परंपरागत व्यावसायिक फ़िल्मों से एकदम अलग है। स्मृतियों की तरह क्रमानुसार नहीं। बेहतर होगा इस फ़िल्म को जल्दी समझने की कोशिश न करें, उसको अपने साथ रहने दीजिए कुछ दिन फिर आप पायेंगे कि उससे जुड़ा पायेंगे।

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सोवियत संघ पर आधारित ड्रामा फ़िल्म
1975 में प्रदर्शित हुई मिरर 1975 की तत्कालीन रुस (सोवियत संघ) पर आधारित ड्रामा फ़िल्म है। जो एक आत्मकथ्यात्मक और अपरंपरागत रूप बनाई गई सिनेमाई कविता है। फ़िल्म में निदेशक के पिता आसेनी तारकोव्स्की की कविताएं उन्हीं की आवाज़ में शामिल की गई हैं। मिरर को एक ग़ैर-रेखीय कथा के रूप में रचा गया है। जो एक मरते हुए कवि की स्मृतियों के इर्द-गिर्द घूमती है।

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