मध्यप्रदेश को बड़ी उपलब्धि: रतलाम के CM राइज स्कूल ने रचा इतिहास, नवाचार करने में दुनिया का तीसरा सर्वश्रेष्ठ स्कूल

Vinoba CM Rise School Ratlam: मध्यप्रदेश के रतलाम से बड़ी खबर है। CM राइज विनोबा हायर सेकेंडरी स्कूल ने इतिहास रच दिया है। शिक्षा में नवाचार करने पर विश्व के टॉप-3 कैटेगरी में विनोबा हायर सेकेंडरी स्कूल का चयन हुआ है।  

Updated On 2024-09-19 20:11:00 IST
Vinoba CM Rise School Ratlam

Vinoba CM Rise School Ratlam: मध्यप्रदेश के रतलाम से गौरवान्वित कर देने वाली खबर है। CM राइज विनोबा हायर सेकेंडरी स्कूल ने इतिहास रच दिया। शिक्षा में नवाचार करने पर विश्व के टॉप-3 कैटेगरी में विनोबा हायर सेकेंडरी स्कूल का चयन हुआ है। एजुकेशन फील्ड में इंटरनेशनल लेवल पर दिए जाने वाले 'The World's Best School Awards' में MP के एकमात्र सरकारी स्कूल का सिलेक्शन हुआ है। ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन 'T 4  Education' यह अवॉर्ड देती है। बता दें कि 13 जून को सीएम राइज विनोबा स्कूल को देश के टॉप-10 में T 4 Education ने चयन किया था।

24 अक्टूबर को पहले स्थान के लिए होगा चयन 
जानकारी के मुताबिक, शिक्षा में नवाचार करने वाले टॉप-3 में यूके के ग्रेंज स्कूल और थाईलैंड के स्टारफिश स्कूल का भी सिलेक्शन हुआ है। अब 24 अक्टूबर को तीनों स्कूलों में से पहले स्थान के लिए एक स्कूल का सिलेक्शन होगा। अगर रतलाम का स्कूल टॉप फर्स्ट में आता है तो 10000 यूके डॉलर यानी 8 से 8.30 लाख रुपए स्कूल को मिलेंगे। 

रतलाम के लिए गौरव का विषय
कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने कहा कि सीएम राइज विनोबा स्कूल रतलाम ने शिक्षा में नवाचार करके दुनिया के अंदर तीसरा स्थान हासिल किया है। रतलाम के लिए यह गौरव का विषय है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए भी यह बड़ी उपलब्धि है। सीएम राइज की कल्पना को साकार करने में सीएम डॉ. मोहन यादव व शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं।  

जमकर झूमे शिक्षक 
स्कूल के टॉप-3 में शामिल होने की घोषणा होते ही स्कूल प्रिंसिपल संध्या वोहरा, वाइस प्रिंसिपल गजेंद्र सिंह राठौर के साथ स्कूल स्टाफ और पेरेंट्स भी झूम उठे। शिक्षकों ने गाना और जमकर झूमे।  कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, डीईओ केसी शर्मा ने भी खुशी मनाई। 

जानें शिक्षकों के नवाचार
वाइस प्रिंसिपल ने शिक्षकों के साथ मिलकर कई नवाचार किए। साइकिल ऑफ ग्रोथ के जरिए टीचर्स को 'बदलाव के वाहक' के रूप में लाया गया। 
जॉयफूल लर्निंग से स्टूडेंट और पालकों को स्कूल से जोड़ा। इससे स्टूडेंट की प्रजेंट और दक्षता में वृद्धि हुई। पढ़ाई, खेलकूद और स्टूडेंट ओवरऑल डेवलपमेंट में आगे रहे। 

शिक्षा विभाग ने दिया समर्थन
कक्षा 1 से 12वीं तक अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में संचालित होने वाले इस स्कूल में 650 में से 90 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट किसी न किसी स्तर पर एक्टिविटीज से साल भर जुड़े रहते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल के इनोवेशन को नियमित प्रोत्साहन और समर्थन दिया है। 

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