मिसरोद अस्पताल का बदलेगा नाम: मंत्री कृष्णा गौर ने बांटी मच्छरदानी, उत्कृष्ट कार्य के लिए महिला स्टाफ का किया सम्मान 

Minister Krishna Gaur in Misrod Hospital: राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिसरोद में योगा केन्द्र के निर्माण और प्रसुति वार्ड के विस्तार की घोषणा की है। साथ ही अस्पताल का नाम स्व. श्रीमती पुनिया बाई पाटीदार के नाम करने की अपील की है।

Updated On 2024-03-11 19:04:00 IST
Misrod Hospital will be Name changed

Minister Krishna Gaur in Misrod Hospital: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में डेंगू बड़ी समस्या है। गत वर्ष 28 अक्तूबर तक डेंगू के 4232 मरीज सामने आए थे। भोपाल और ग्वालियर में कुछ मौतें भी हुईंं थीं। डेंगू-मलेरिया और मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए राज्य शासन की ओर समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं। इसी क्रम में शनिवार को भोपाल के मिसरोद अस्पताल में अवेयरनेस कार्यक्रम किया गया।

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री कृष्णा गौर ने इस दौरान जरूरतमंद परिवारों को मच्छरदानी का वितरण भी किया। कहा, छाेटी-छोटी सावधानियां और जागरूकता आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकती हैं। इसलिए मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें। 

योगा केन्द्र का निर्माण, प्रसुति वार्ड का विस्तार
राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिसरोद में योगा केन्द्र का निर्माण और प्रसुति वार्ड का विस्तार कराए जाने की घोषणा की है। साथ ही कहा, शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का नाम बदलकर स्व. श्रीमति पुनिया बाई पाटीदार के नाम रखा जाएगा। मंत्री गौर ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाली सीएचओ, आशा सहयोगिनी, आशा कार्यकर्ताओं व अस्पताल की  महिला स्टॉफ का सम्मानित किया। 

यह भी रहे मौजूद 
कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में भागीरथ पाटीदार शीला पाटीदार, रामबाबू पाटीदार उपस्थित रहे। प्रमारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. बालकृष्ण श्रीवास्तव ने शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज हुरमाडे, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अखिलेश दुबे, डॉ. मनोज निगम, डॉ कामायनी मिश्रा, बेबी राजा व अन्य स्टाफ मौजूद रहा। 

डेंगू के 4232 मरीज मिले थे गत वर्ष 
मध्य प्रदेश में गत वर्ष 1 जनवरी से 28 अक्तूबर 2023 तक 4232 डेंगू के मरीज मिले थे। जो 2022 के मुकाबला छह गुना ज्यादा थे। 2022 में अक्टूबर तक सिर्फ 700 मरीज ही सामने आए थे। डेंगू के सर्वाधिक मरीज भोपाल और ग्वालियर में ही सामने आए थे। यहां दो लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि, अफसरों ने मौतों को संदिग्ध बताकर जांच करने की बात कही थी। इस वर्ष अभी से अलर्ट किया जा रहा है। 

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