सीधी: नायब तहसीलदार ने नामांतरण के बदले मांगी 1 लाख रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने 25 हजार लेते किया ट्रैप

Lokayukta action in Sidhi: MP के सीधी जिले में शनिवार (21 दिसंबर) को लोकायुक्त पुलिस ने मझौली नायब तहसीलदार वाल्मीकि साकेत को 25 हजार रिश्वत लेते पकड़ा है।

Updated On 2024-12-21 22:27:00 IST
Sidhi Lokayukta action

Lokayukta action in Sidhi: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। मझौली में नायब तहसीलदार वाल्मीकि साकेत ने जमीन नामांतरण के बदले किसान से 1 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार दोपहर उन्हें 25 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा है। नामांतरण का यह सौदा 50 हजार रुपए में यह हुआ था। 

50 हजार में तय हुआ था सौदा
सीधी निवासी किसान आशु शुक्ला ने पिछले दिनों लोकायुक्त पुलिस के रीवा कार्यालय में शिकायत की थी। बताया कि मुझे जमीन का नामांतरण कराना है, लेकिन नायब तहसीलदार एक लाख रुपए मांग रहे हैं। काफी मान मनौव्वल के बाद 50 हजार रुपए में सौदा तय किया है। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की पुष्टि कराने के बाद नोटों में केमिकल लगाकर शिकायतकर्ता आशु शुक्ला को दिए।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई 
शिकायतकर्ता तय प्लानिंग के अनुसार शनिवार सुबह 10 बजे पहली किस्त के 25 हजार रुपए लेकर नायब तहसीलदार वाल्मीकि साकेत के मझौली स्थित शासकीय आवास पहुंचा। नायब तहसीलदार ने जैसे ही हाथ में रिश्वत की राशि पकड़ी, लोकायुक्त पुलिस के जवानों ने उसे धर दबोचा। रिश्वत के रुपए बरामद कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। 

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12 सदस्यीय टीम ने की घेराबंदी 
दरअसल, रिश्वतखोरी का यह पहला मामला नहीं है। मध्य प्रदेश में आए दिन ऐसे रिश्वतखोरी अधिकारी पकड़े जा रहे हैं। किसानों की परेशानी को देखते हुए सीएम मोहन यादव ने ई-तहसील, संपदा पोर्टल जैसे कई नवाचार किए हैं, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। रीवा लोकायुक्त पुलिस की 12 सदस्यीय टीम ने डीएसपी प्रवीद्र सिंह के नेतृत्व में नायब तहसीलदार को पकड़ा है। 

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