कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना: एक्स पर लिखा- लोकतंत्र की हत्या कर कांग्रेस की सरकार गिराई
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने एक्स पर Tweet कर लिखा है कि लोकतंत्र की हत्या करने भाजपा ने कांग्रेस की सरकार गिराई। अब आर्थिक रूप से चौपट करने IT का उपयोग किया जा रहा है।
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर Tweet कर लिखा है कि दिन पर दिन स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी को कमज़ोर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार बहुत निचले स्तर पर उतर आई है। आज हमारी नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने मीडिया के सामने यह बताया कि किस तरह 30 साल पुराने मामले तक के इनकम टैक्स के नोटिस भेजे जा रहे हैं। पार्टी के बैंक खातों को जब्त कर दिया है।
यह दिन पर दिन स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी को कमज़ोर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार बहुत निचले स्तर पर उतर आयी है। आज हमारी नेता श्रीमती सोनिया गांधी, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और श्री राहुल गांधी ने मीडिया के सामने यह बताया कि किस तरह 30 साल पुराने मामले तक के…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 21, 2024
नेताओं की खरीद-फरोख्त की गई
कमलनाथ ने आगे लिखा है कि 'लोकतंत्र की हत्या करने के लिए पहले कांग्रेस की चुनी हुई सरकार गिराई गई, इसके बाद नेताओं की खरीद-फरोख्त की गई। जो नेता नहीं झुके उनके ऊपर जांच एजेंसियों का अंकुश लगाया गया और अब ठीक चुनाव से पहले कांग्रेस को आर्थिक रूप से पूरी तरह चौपट करने के लिए आयकर विभाग का उपयोग किया जा रहा है।
देश के हालात बदलने में कामयाब होंगे
कमलनाथ यहीं नहीं रुके, पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं और देश की जनता के लिए परीक्षा की घड़ी है। हम सबको मिलकर इस तानाशाही सरकार का न सिर्फ मुकाबला करना है, बल्कि लोकसभा चुनाव में इसे पराजित कर देश में लोकतंत्र की स्थापना करनी है। निश्चित तौर पर हम इस परीक्षा में न सिर्फ सफल होंगे, बल्कि देश के हालात को बदलने में कामयाब होंगे।
शिवराज ने कांग्रेस पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर हमला बोला है। शिवराज ने कहा कि पराजय के भय से कोई लड़ने को तैयार नहीं है। मैं लोकतंत्र में इसे ठीक नहीं मानता कि एक पार्टी की ऐसी आदत हो जाए कि लोग चुनाव लड़ने को ही तैयार नहीं हैं, लेकिन ऐसी स्थिति है।