पद्मश्री स्व. गुलबर्धन राष्ट्रीय बैले नृत्य समारोह : एकल नृत्य प्रस्तुति ‘होरी’ एवं नृत्य नाटिका ‘चक्रप्रिया’ का मंचन, प्रकृति और जीवन को उजागर किया

चैतन्य सोशियो कल्चरल सोसायटी द्वारा पद्मश्री स्वर्गीय गुलबर्धन राष्ट्रीय बैले नृत्य समारोह का आयोजन हुआ। जहां मनीषा हुरईया ने एकल नृत्य प्रस्तुति ‘होरी’ दी।  

Updated On 2024-03-29 21:44:00 IST
Gulbardhan National Ballet Dance

भोपाल। चैतन्य सोशियो कल्चरल सोसायटी द्वारा पद्मश्री स्वर्गीय गुलबर्धन राष्ट्रीय बैले नृत्य समारोह का आयोजन हुआ। जहां मनीषा हुरईया ने एकल नृत्य प्रस्तुति ‘होरी’ दी।  वहीं राखी दुबे और 16 अन्य साथी कलाकारों ने राजा चक्रधर सिंह के जीवन से जुड़ी रचनाओं पर आधारित नृत्य नाटिका ‘चक्रप्रिया’ की प्रस्तुति दी। यह आयोजन गुरुवार शाम रंग श्री लिटिल बैले ट्रूप में आयोजित किया गया। अलबेली नवल नार करके चित की चोरी...., आई आई लहर लहर के मलय पवन...., चंद्र बदन मृगलोचनी दामिनी द्रुत गोरी...., राजा चक्रधर द्वारा रचित इन रचनाओं को ‘चक्रप्रिया’ के रुप में जब 16 नृत्यांगनाओं ने दिल को छूने वाली प्रस्तुति दी तो सम्पूर्ण सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। ठुमरी, तोड़े, टुकड़े के रुप में प्रकृति और मानव जीवन को उजागर करती इन प्रस्तुतियों का संयोजन देखने को मिला। 

इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति
कलांधिका नृत्य नाट्य संस्था द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्तुति में राखी ने रायगढ़ घराने के राजा चक्रधर सिंह के जीवन को उन्हीं की रचनाओं के द्वारा प्रस्तुत किया। देश में उन्होंने मल्टीमीडिया शो के माध्यम से चक्रधर वंदना, उपोदघाटन, थुंगावली, मत्स्यरंगावली, कड़कबिजली से सजी रचनाओं पर करीब 18 प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। राखी ने अपनी प्रस्तुति में दिखाया कि किस प्रकार राजा साहब रायगढ़ महोत्सव के रूप में आसपास के सभी राजाओं को एकत्रित करते थे एवं एक महापर्व का आयोजन होता, जिसकी शुरुआत गणेश महोत्सव से होती थी। 

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